डीपीआर में फंसा भोलानाथ आरओबी
भागलपुर: भोला नाथ पुल के ऊपर रेलवे फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण का रास्ता अब तक साफ नहीं हो सका है. पहले रेलवे की वजह से यह मामला अटका था. अब जब तीन माह पूर्व रेलवे ने फ्लाइ ओवर बनाने के लिए पथ निर्माण विभाग को एनओसी दे दी है, तो पथ निर्माण विभाग इसमें दिलचस्पी नहीं […]
भागलपुर: भोला नाथ पुल के ऊपर रेलवे फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण का रास्ता अब तक साफ नहीं हो सका है. पहले रेलवे की वजह से यह मामला अटका था. अब जब तीन माह पूर्व रेलवे ने फ्लाइ ओवर बनाने के लिए पथ निर्माण विभाग को एनओसी दे दी है, तो पथ निर्माण विभाग इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहा है. नतीजा फ्लाइ ओवर ब्रिज के लिए छह साल से चल रहा प्रयास अब तक धरातल पर नहीं उतर पाया है. इसका खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं.
फ्लाइ ओवर ब्रिज नहीं होने से यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. दक्षिणी शहर को जोड़ने वाली मार्ग (कचहरी चौक से मिरजानहाट ) बरसात के दिनों में बंद हो जाता है. दरअसल, पुल निर्माण निगम द्वारा आठ माह पूर्व भेजे गये फ्लाइ ओवर ब्रिज के डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर पथ निर्माण विभाग का मुख्यालय कुंडली मारे बैठा है. इस कारण पुल निर्माण निगम आगे की कोई प्रक्रिया नहीं अपना सका है.
वर्ष 2009 हो रही फ्लाइ ओवर ब्रिज बनाने की कोशिश
वर्ष 2009 में भी पुल निर्माण निगम ने भोलानाथ फ्लाइ ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर कोशिश की थी. योजना का डीपीआर बना कर पथ निर्माण विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा गया था, लेकिन न तो रेलवे से एनओसी मिली और न ही पथ निर्माण विभाग ने डीपीआर को स्वीकृत किया.
मंजूरी मिली, तो फ्लाइ ओवर ब्रिज की लागत आयेगी 64 करोड़ पथ निर्माण विभाग अगर डीपीआर को स्वीकृत करता है, तो पुल निर्माण निगम को फ्लाइ ओवर ब्रिज बनाने पर 64 करोड़ की लागत आयेगी. विभागीय अधिकारी की मानें तो फ्लाइ ओवर ब्रिज के निर्माण पर सरकार की राशि खर्च होनी है और सरकार मामले में कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. इसी कारण ब्रिज निर्माण की फाइल मुख्यालय में धूल फांक रही है.