इंजीनियरिंग करनेवाले युवाओं के साथ बोर्ड की भी परेशानी कम होगी. आइआइटी बंबई में ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. मालूम हो कि आइआइटी व एनआइटी के लिए योग्यता अलग-अलग है, लेकिन जेइइ एडवांस क्वालिफाइ कर चुके छात्र आइआइटी के साथ एनआइटी का भी विकल्प भर सकेंगे. एक छात्र कई सीटों पर दावा नहीं कर सकेगा. उसे केवल एक ही सीट मिलेगी. 25 जून से 29 जून के बीच छात्र अपनी च्वाइस भर सकेंगे व इसके बाद एक जुलाई को प्रथम चरण की सीटें आवंटित कर दी जायेगी.
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इंजीनियरिंग नयी व्यवस्था से इंजीनियरिंग एडमिशन में होगा बड़ा बदलाव, एक सीट के लिए एक काउंसेलिंग
भागलपुर: देश के नामी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में करीब 32 हजार सीटों पर एडमिशन के लिए इस बार एक ही काउंसेलिंग होगी. पहली बार हो रही इस नयी व्यवस्था के तहत छात्र आइआइटी, एनआइटी व अन्य कोर्स के विकल्प भर सकेंगे. इससे एक ओर इंजीनियरिंग की सीटें खाली नहीं रहेंगी तो दूसरी ओर छात्रों का […]
भागलपुर: देश के नामी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में करीब 32 हजार सीटों पर एडमिशन के लिए इस बार एक ही काउंसेलिंग होगी. पहली बार हो रही इस नयी व्यवस्था के तहत छात्र आइआइटी, एनआइटी व अन्य कोर्स के विकल्प भर सकेंगे. इससे एक ओर इंजीनियरिंग की सीटें खाली नहीं रहेंगी तो दूसरी ओर छात्रों का समय भी बचेगा.
अब तक यह था नियम : आइआइटी में दाखिले के लिए जेइइ मेन से चयनित होने वाले छात्र को जेइइ एडवांस के परिणाम के आधार पर काउंसेलिंग में हिस्सा लेना होता था. आइआइटी की ओर से छात्र को सीट अलॉट कर दी जाती थी. दूसरी ओर एनआइटी, ट्रिपल आइटी सहित तमाम तकनीकी संस्थानों में जेइइ मेन व 12वीं के अंकों के आधार पर जारी सीएमएल से अलग काउंसेलिंग होती थी.
इन संस्थानों में मिलेगा नामांकन
20 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(आइआइटी), एक इंडियन स्कूल ऑफ माइंस(आइएसएम,धनबाद), 31 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(एनआइटी), 16 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी(आइआइआइटी) के अलावा 18 से ज्यादा केंद्रीय, राज्य सहायता प्राप्त तकनीकी शिक्षण संस्थान आदि
वेबसाइट पर होगी सूचना : तमाम संस्थानों की श्रेणीवार सीटों का विवरण जल्द ही ज्वाइंट सीट एलॉकेशन अथॉरिटी की वेबसाइट www.josaa.nic.in(अभी उपलब्ध नहीं) पर जारी किया जायेगा. इसके अलावा ऑनलाइन काउंसेलिंग सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड (सीएसएबी) की वेबसाइट पर की जायेगी.
निगम की कटी, तो कमिश्नर ऑफिस की कैसे बची बिजली
भागलपुर. अगर आम उपभोक्ता दो फीडर से बिजली लेकर उपयोग करें, तो उन्हें अवैध कनेक्शन बता कर बिजली चोरी करने का आरोप लगाया जाता है. उनका कनेक्शन काटने से लेकर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाती है. लेकिन लंबे समय से कमिश्नर ऑफिस में एक कनेक्शन पर दो फीडर से बिजली जलायी जा रही है, तो इसे अवैध कनेक्शन पर बिजली चोरी क्यों नहीं माना जा सकता है और अबतक कार्रवाई क्यों नहीं हो सकी है? एक कनेक्शन पर दो फीडर से कमिश्नर ऑफिस में बिजली उपयोग करने की पुष्टि बीइडीसीपीएल के सीनियर मैनेजर (टेक्निकल) अमित रंजन ने की है. श्री रंजन ने बताया कि वीआइपी होने के कारण ऑफिस को एक कनेक्शन पर दो फीडर की बिजली दे रखी है और इसकी जानकारी कंपनी को भी है. कमिश्नर ऑफिस में सिविल सजर्न विद्युत उपकेंद्र के घंटा घर फीडर और मायागंज विद्युत उपकेंद्र के मायागंज फीडर की लाइन है.
फिर नगर निगम की क्यों कटी बिजली. बकाया बिल भुगतान नहीं करने पर सोमवार को जब बीइडीसीपीएल की टीम नगर निगम की बिजली काटने पहुंची, तो एक कनेक्शन पर दो फीडर से बिजली लेने का मामला पकड़ा गया. इस पर टीम ने एक फीडर का कनेक्शन काट दिया. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जब कमिश्नर ऑफिस में एक कनेक्शन पर दो फीडर की बिजली उपयोग किया जा सकता है, तो फिर नगर निगम क्यों न करें?
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