जहां सेल्टर दे, वहां रोजगार भी दे सरकार

-भवन व भूमिहीन लोगों के पुनर्वास पर एग्रो इकोनॉमिक सेंटर में गोष्ठी-गैरसरकारी संस्था लेंडेसा की ओर से आयोजित किया गया था कार्यक्रमफोटो : आशुतोषवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर में बुधवार को जिलास्तरीय कंसल्टेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसमें भूमि व भवनहीन गरीब लोगों के पुनर्वास, बटाइदारी कानून, महिलाओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 11:05 PM

-भवन व भूमिहीन लोगों के पुनर्वास पर एग्रो इकोनॉमिक सेंटर में गोष्ठी-गैरसरकारी संस्था लेंडेसा की ओर से आयोजित किया गया था कार्यक्रमफोटो : आशुतोषवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर में बुधवार को जिलास्तरीय कंसल्टेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसमें भूमि व भवनहीन गरीब लोगों के पुनर्वास, बटाइदारी कानून, महिलाओं के संपत्ति अधिकार आदि पर चर्चा हुई. कार्यक्रम में सुझाव आया कि पुनर्वास के लिए सरकार को लगातार यह तरीका अपनाना चाहिए कि गैर मजरुआ जमीन की पहचान पहले से कर लिया जाये. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उस जमीन पर बसनेवाले लोगों को कोई उजाड़ेगा नहीं. कुछ लोगों का कहना था कि भवन व भूमिहीन लोग अपने सेल्टर से ज्यादा रोजगार को तवज्जो देते हैं. लिहाजा सेल्टर वहां हो, जहां रोजगार मिल सके. नीति निर्माता को ऐसा सोचना चाहिए. केंद्र के निदेशक प्रो बसंत कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत किया. डॉ रंजन कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम का समन्वय किया. उपमहापौर प्रीति शेखर ने अध्यक्षता की. लेंडेसा के राष्ट्रीय निदेशक डॉ नवीन, राज्य निदेशक राजन मोहंती ने शिरकत की. डॉ रंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि लेंडेसा एनजीओ का विश्व में 14वां रैंक है. भवन व भूमिहीन लोगों के अधिकार के लिए यह संस्था काम करती है. इसमें कानून विशेषज्ञ के रूप में सच्चिदानंद पोद्दार, राजेश कुमार झा ने भाग लिया. इस मौके पर डॉ फारुक अली, डॉ सुबोध विश्वकर्मा, डॉ मथुरा दुबे, डॉ विजय कांत दास, रामशरण, दशरथ, सेवा व गांधी शांति प्रतिष्ठान के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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