अब 10वीं में भी करा सकते हैं पुनमरूल्यांकन
भागलपुर: भीषण गरमी में लगातार शिकायत के बाद भी जब यूनिवर्सिटी कैंप की लाइन ठीक नहीं हुई और बिजली नहीं मिली, तो सोमवार शाम छह बजे स्नातकोत्तर के छात्रों का धैर्य जवाब दे गया. गुस्साये 50 से अधिक छात्र यूनिवर्सिटी विद्युत उपकेंद्र घुस आये और वहां तोड़-फोड़ शुरू कर दी. छात्र फ्रेंचाइजी कंपनी के कर्मियों […]
भागलपुर: भीषण गरमी में लगातार शिकायत के बाद भी जब यूनिवर्सिटी कैंप की लाइन ठीक नहीं हुई और बिजली नहीं मिली, तो सोमवार शाम छह बजे स्नातकोत्तर के छात्रों का धैर्य जवाब दे गया. गुस्साये 50 से अधिक छात्र यूनिवर्सिटी विद्युत उपकेंद्र घुस आये और वहां तोड़-फोड़ शुरू कर दी. छात्र फ्रेंचाइजी कंपनी के कर्मियों को न केवल मारने उठे, बल्कि उन्हें विद्युत उपकेंद्र कैंपस से खदेड़ भी दिया. कार्यालय के बिजली पोजीशन रजिस्टर फाड़ दिये और अपना गुस्सा कुरसी तोड़ कर निकाला.
अंधेरे में डूबा इलाका : इससे पहले छात्रों ने तातारपुर, यूनिवर्सिटी, नाथनगर व चंपानगर फीडर की बिजली बंद करा दी, जिससे तातारपुर से लेकर चंपानगर तक का इलाका अंधेरे में डूब गया. इससे भी जब बात नहीं बनी, तो छात्रों ने टीएनबी कॉलेज के गेट के सामने एनएच-80 को जाम कर दिया और फ्रेंचाइजी कंपनी सहित जिला प्रशासन के विरुद्ध जम कर प्रदर्शन किये. छात्रों के डर से सूचना मिलने पर भी फ्रेंचाइजी कंपनी के कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंची. यही नहीं, स्थानीय पुलिस भी नहीं आयी. जब यूनिवर्सिटी कैंप की गड़बड़ लाइन को दुरुस्त कर आपूर्ति बहाल करायी गयी, तो छात्रों ने सड़क जाम हटाया और आवागमन बहाल हो सका. बिजली आने के बाद जाते-जाते छात्र चेतावनी दे गये कि अगर फिर से बिजली गायब हुई, तो विद्युत उपकेंद्र को तहस-नहस कर दिया जायेगा.
सूचना देने पर नहीं ठीक की गयी बिजली
प्रदर्शनकारी छात्र रूपेश कुमार, राम बालक कुमार, रोहित कुमार, डी कुमार, सुमन कुमार आदि ने बताया कि तीन बजे यूनिवर्सिटी की बिजली कटी. फोन कर सूचना दी गयी. फिर भी ठीक करने कोई नहीं आया. इसके बाद फिर से फोन किया गया. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई. शाम छह बजे तक बिजली नहीं आयी और स्नातकोत्तर छात्रवास के 250 से अधिक कमरे के 500 से ज्यादा छात्रों को पानी नहीं मिलने लगा, तो मजबूरन बिजली की मांग के लिए यूनिवर्सिटी विद्युत उपकेंद्र पहुंचे. यहां पहुंचने पर पता चला कि यूनिवर्सिटी कैंपस को जानेवाली हाइ वोल्टेज लाइन का जंफर कट गया है.
ठीक नहीं किये जाने का जब कारण पूछा गया, तो फ्रेंचाइजी कंपनी के कर्मियों से बेरुखी सा जवाब मिला, जिससे छात्रों का गुस्सा बरदाश्त से बाहर हो गया और लगभग सात बजे तातारपुर, यूनिवर्सिटी, नाथनगर और चंपानगर फीडर की बिजली बंद करा दी गयी और सड़क पर उतर आये. उक्त छात्रों ने बताया कि स्नातकोत्तर कैंपस में पानी की व्यवस्था बिजली से ही संभव होती है. बिजली आती है, तो बोरिंग चलता है और पानी मिलता है. बिजली नहीं रहने से रात साढ़े आठ बजे तक पानी के लिए हाहाकर मचा रहा. जब बिजली आयी, तो छात्रों को बिजली-पानी से राहत मिली.