वरीय संवाददाता, भागलपुर
भागलपुर :दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री की जांच अभी चल ही रही है कि बुधवार को फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ भी हो गया. रैकेट से अंक पत्र खरीदने के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में अंक पत्र की सत्यता की जांच कराने पहुंचे छात्रों को अंक पत्र फर्जी पाये जाने पर पकड़ लिया गया. दोनों ने कबूल किया कि एसके बप्पी नामक छात्र से बीए इंगलिश ऑनर्स का अंक पत्र खरीदा था. विवि के प्रोक्टर के लिखित बयान पर विवि थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने एसके बप्पी की तलाश शुरू कर दी है.
दोनों छात्र पश्चिम बंगाल के रहनेवाले
पकड़े गये छात्रों में रिजवानुल हक एमएम कॉलेज व नुरुज्जान मारवाड़ी कॉलेज(भागलपुर) का छात्र है. रिजवानुल हक बंगाल के मालदा जिले के दौलतपुर के इदरिश अली का बेटा और नुरुज्जान मालदा जिले के वैष्णव थाना क्षेत्र के कुम्भेरा गांव के मुजम्मल का बेटा है. रिजवानुल ने बताया कि वह 2010-13 सत्र का इंगलिश ऑनर्स का छात्र था. नुरुज्जान 2009-12 सत्र के इंगलिश ऑनर्स का छात्र था. दोनों छात्र परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाये थे. इस कारण दोनों ने एसके बप्पी से संपर्क किया. बप्पी ने उन दोनों को उत्तीर्ण कराने के लिए रिजवानुल से 10 हजार और नुरुज्जान से आठ हजार रुपये लिये. दोनों को बप्पी ने प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण होने का अंक पत्र उपलब्ध करा दिया.
पकड़े गये दोनों छात्रों ने बताया कि तोमर की डिग्री की जांच की घटना अखबारों में पढ़ने के बाद उन लोगों को अपने अंक पत्र पर संदेह होने लगा. इसी कारण वे जांच कराने पहुंचे थे ताकि आश्वस्त हो जाएं कि अंक पत्र सही है या नहीं. परीक्षा विभाग के कर्मचारी ने पहले दोनों को भगा दिया. बार-बार गिड़गिड़ाने के बाद कर्मचारी ने दोनों का अंक पत्र लेकर टीआर (टेबलेटिंग रजिस्टर) से मिलान किया. पता चला कि दोनों ही छात्रों का टीआर में फेल लिखा हुआ है, जबकि अंक पत्र में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण लिखा गया है. इसके बाद इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक को दी गयी. परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह ने दोनों को पकड़ कर रखने को कहते हुए कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे को इसकी सूचना दी. कुलपति ने दोनों के खिलाफ प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास को एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया.