ट्रैफिक सार्जेट मेजर व अधिवक्ता भिड़े, हंगामा
भागलपुर: कचहरी चौक से घूरन पीर बाबा चौक जानेवाली सड़क के किनारे से लगी मोटरसाइकिल को क्रेन से उठाने को लेकर सार्जेट मेजर संजीव कांत और वकीलों के बीच गुरुवार को जबरदस्त विवाद हो गया. मोटरसाइकिल उठाये जाने से आक्रोशित वकीलों ने सार्जेट मेजर के साथ धक्का-मुक्की की. व्यवहार न्यायालय के गेट के समीप लगभग […]
भागलपुर: कचहरी चौक से घूरन पीर बाबा चौक जानेवाली सड़क के किनारे से लगी मोटरसाइकिल को क्रेन से उठाने को लेकर सार्जेट मेजर संजीव कांत और वकीलों के बीच गुरुवार को जबरदस्त विवाद हो गया. मोटरसाइकिल उठाये जाने से आक्रोशित वकीलों ने सार्जेट मेजर के साथ धक्का-मुक्की की. व्यवहार न्यायालय के गेट के समीप लगभग आधा घंटा तक पुलिस व वकीलों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. इससे पहले कि मामला और विस्फोटक होता, सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ट्रैफिक इंस्पेक्टर, ट्रैफिक प्रभारी, आदमपुर व तिलकामांझी थाना की पुलिस ने आक्रोशित वकीलों को समझा -बुझा मामला शांत कराया. दोपहर लगभग 12.30 बजे ट्रैफिक सार्जेट मेजर राजीव कांत दल-बल के साथ कचहरी सड़क मार्ग से गुजर रहे थे.
इसी दौरान कचहरी रोड में अधिवक्ताओं के बैठकखाने के सामने सड़क किनारे लगी अधिवक्ता डॉ राजीव कुमार सिंह की मोटर साइकिल को क्रेन से उठा कर ले जाने लगे. इस पर कचहरी परिसर के सारे अधिवक्ता मौके पर पहुंच गये और सार्जेट मेजर को घेर लिया. आक्रोशित अधिवक्ताओं ने मोटरसाइकिल ले जाने का विरोध किया और मेजर के साथ धक्का मुक्की करने लगे.
अधिवक्ता क्रेन से लटकी मोटरसाइकिल को उतार कर वापस करने की मांग कर रहे थे. अधिवक्ताओं का कहना था कि शहर में पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है. आखिर लोग गाड़ी कहां लगायेंगे. अधिवक्ता डॉ राजीव सिंह ने बताया कि पहली बार गाड़ी सड़क किनारे नहीं लगायी है. चूंकि मेरा चैंबर सामने है, इसलिए हमेशा से यहीं गाड़ी लगाते आ रहे हैं. अगर गाड़ी क्रेन से उठायी ही थी, तो इसकी सूचना उनको क्यों नहीं दी गयी.
श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि अवैध रूप से लाल व पीली बत्ती लगी गाड़ी मुख्य बाजार में खुलेआम चलती है, लेकिन पुलिस वाले उसे नहीं पकड़ते हैं. कानून सब के लिए बराबर है. इधर, ट्रैफिक सार्जेट मेजर संजीव कांत ने बताया कि कचहरी रोड में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी की गयी थी, जो नियमानुसार गलत है. पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार का प्रयास कर रही है.
जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने में लगे हैं, तो आम जनता कैसे ट्रैफिक नियम का पालन करेगी. कानून सबके लिए बराबर है. हर हाल में कानून का पालन कराया जायेगा, चाहे उनकी नौकरी रहे अथवा जाये. उन्होंने बताया कि जब क्रेन से मोटर साइकिल उठाया, तो उस वक्त पुलिस जवान की संख्या मात्र चार थी. गाड़ी उठाने की बात सुन कचहरी के सारे वकीलों ने घेर लिया. साज्रेंट मेजर ने विवाद के दौरान अधिवक्ताओं पर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया.