साल भर से जलसंकट से जूझ रही है 49 हजार आबादी, सूख रहे होंठ
मम्मी स्नान करने जा रहे हैं हम. सुनो...ज्यादा पानी खर्च नहीं करना. सुनिए जी...भूख लगी है. खाना निकालिए लेकिन, पहले एक गिलास पानी दे दीजिएगा. नहीं, पहले खा लीजिए, तभी पानी पीजिएगा. पानी कम खर्च करना है.
वार्ड 36 व 37 के लोग को नहाने-धोने से लेकर खाने तक की हो रही दिक्कत, निगम प्रशासन की व्यवस्था शून्य
वरीय संवाददाता, भागलपुर
मम्मी स्नान करने जा रहे हैं हम. सुनो…ज्यादा पानी खर्च नहीं करना. सुनिए जी…भूख लगी है. खाना निकालिए लेकिन, पहले एक गिलास पानी दे दीजिएगा. नहीं, पहले खा लीजिए, तभी पानी पीजिएगा. पानी कम खर्च करना है. ऐसे भी थोड़ा सा ही पानी बचा है. एक बार बड़े भैया से बोलिए न मोटर चला देंगे. रोज-रोज बोलने में लाज लगता है जी. कुछ इस तरह की परेशानी वार्ड 36 व 37 में लगभग सभी घरों की है. ये दोनों वार्ड शहर के बीचों-बीच है और इसकी एक बड़ी आबादी लगभग साल भर से जलसंकट से जूझ रहा है. इसका मुख्य कारण भोलानाथ ओवर ब्रिज निर्माण के दौरान पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होना बताया जाता है. दरअसल, आरओबी निर्माण शुरू होने से पहले और न ही बाद में निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गयी. सुविधा के नाम पर गिनती के पांच-छह टैंकर दिए हैं, जो किसी दिन पानी लेकर पहुंचता है, तो ज्यादातर नहीं. लोग पानी के लिए परेशान हैं.पानी कम पीने से लोग हो रहे बीमार
मांग कर या ढाेकर लाया गया पानी किसी तरह से दिनभर चले, उसी हिसाब से लोग खर्च करते हैं. पानी को बचाकर चलने की वजह से कम पीना मजबूरी बना है. इस कारणवश स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी है. फूलो देवी, सरफारज, राकेश रंजन, अनिता देवी बताती है कि डिहाइड्रेशन और इससे मुंह और गला का सूखना, थकान या कमजोरी होना, यूरिन कम होना, सिर दर्द, चक्कर, यह आम बात हो गया है.
एनसी चटर्जी रोड, कॉटेज कंपाउंड, दीना साह लेन, आरबीएसएस रोड, जीपी वर्मा लेन, राधा देवी लेन, साकेत लेन सहित वार्ड 36 व 37 के लगभग सभी मुहल्ले में पानी की घोर संकट है.
लीकेज की वजह घंटाघर के जलमीनार से वार्ड 37 में नहीं पहुंचता पानीवार्ड 37 में आरओबी निर्माण कार्य का कोई असर नहीं है. बावजूद, इसके पानी नहीं मिल रहा है. दरअसल, इस वार्ड के लोगों को घंटाघर के जलमीनार से पानी आता है. हर दो दिन में जलापूर्ति में लीकेज से जलापूर्ति ठप हो जा रही है.
प्रभात खबर की टीम को देखा, तो शुरू किया लीकेज ठीक करना प्रभात खबर की टीम पानी की समस्या जानने के लिए वार्ड 37 में लोगों के बीच पहुंची, तो इधर घंटाघर के पास कई दिनों से लीकेज जो ठीक नहीं कराया जा रहा था, वहां निगम ने काम लगा दिया.बोले लोग
1. पानी ढोकर लाते हैं तो दिनभर चलता है. रात में कभी-कभी खत्म हो जाता है तो मुसीबत हो जाती है.
फूलो देवी, मुंदीचकवार्ड-37
2. हमारे इलाके में घंटा घर जलमीनार से पानी आता है. हर दो दिन पर पाइप लाइन लीकेज होता और पानी नहीं मिलता है. शिकायत करते-करते थक गए हैं, कोई सुनवाई नहीं हो रही है.सरफराज, मुंदीचक
वार्ड -373. पानी खरीदकर लाते हैं बेचने के लिए और घर में सब मिलकर पी जाते हैं. मजबूरी है. प्यास नहीं मानता है. यह परेशानी साल भर से है.
राकेश रंजन, दुकानदार, मुंदीचकवार्ड-37
4. साल भर से सप्लाई का पानी बंद है. समझ लीजिए कि किसी तरह से घर में खाना बन जा रहा है. नहाना-धोना मुश्किल हो गया है. लोगों से कितना पानी मांग कर घर चलाइएगा. अब तो पानी मांगने में लाज लगने लगी है.प्रकाश लाल, मुंदीचक
वार्ड-36 5. खाना बनाने से लेकर नहाने-धोने, रंग-पेंट और पूजा-त्योहार सब में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सही-सही बता भी नहीं रहा है कि कबतक यह दिक्कत रहेगी. सुनीता लाल, मुंदीचकवार्ड-36
7. हर दिन मुसीबत में बीत रहा है. खाना बनाने तक पानी मिल रहा है. जब-जब फोन करते हैं तो निगम का कर्मचारी कहता है कि पुल का पिलर बनने दीजिए, तो पाइपलाइन बिछेगा और पानी मिलने लगेगा.अनिता लाल, मुंदीचक
वार्ड-36 8. साल भर से पानी के लिए लोग परेशान हैं. सुबह उठकर भाग दौड़ करना पड़ता है. पानी मिलने में थोड़ा भी लेट होता है, चूल्हा नहीं जल पाता है. सिर्फ हम नहीं, पूरे इलाके लोग परेशान हैं. पप्पू कुमार, मुंदीचकवार्ड-36
————————– बोले पार्षद 1.पानी की समस्या बढ़ती जा रही है. हर दिन क्षेत्र से चार-पांच लोगों के फोन आ रहे हैं. टैंकर के लिए बोलते हैं तो भेज दिया जाता है लेकिन, यह स्थायी निदान नहीं है. मेयर के समक्ष भी शिकायत की गयी लेकिन,सुनवाई नहीं हो रही है.
बबीता देवी, पार्षदवार्ड-37
2. हमारे वार्ड के कई मुहल्ले में जल संकट है. प्याऊ का पाइप बढ़ाने के लिए निगम से बोले हैं लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अमित टिंकल, पार्षदवार्ड-36
—————————–बोले जलकल शाखा प्रभारी
वार्ड 36 व 37 में जलसंकट है. पुल निर्माण निगम से बात हुई है. दिसंबर तक सभी पिलर तैयार हो जायेगा. पाइपलाइन बिछाने के लिए टेंडर भी अंतिम चरण में है. इलाके में 90 फीसदी घरों में सबमर्सिबल लगा है. 10 फीसदी लोग ही हैं, जो सप्लाई के पानी पर निर्भर है. हर दिन आधा दर्जन टैंकर पानी भेज रहे हैं. मुख्य सड़क पर चार हजार लीटर पानी की रोजाना आपूर्ति हो रही है, बाकी मुहल्ले में एक-एक हजार लीटर का जाता है.जय प्रकाश यादव, जलकल शाखा प्रभारी
नगर निगम, भागलपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है