तोमर प्रकरण: टीएमबीयू के छह कर्मी दिल्ली तलब
भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कथित फर्जी डिग्री की जांच मामले में दिल्ली पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. विवि से जाते समय दिल्ली पुलिस के एडीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या तोमर की डिग्री फर्जी साबित करने में दिल्ली पुलिस नाकाम हो […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 26, 2015 7:47 AM
भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कथित फर्जी डिग्री की जांच मामले में दिल्ली पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. विवि से जाते समय दिल्ली पुलिस के एडीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या तोमर की डिग्री फर्जी साबित करने में दिल्ली पुलिस नाकाम हो गयी है. इस पर कुशवाहा का कहना था कि अभी जांच चल ही रही है, इसलिए वे कुछ बोल नहीं सकते. लेकिन आप जो बोल रहे हैं, वैसा नहीं है.
टीएमबीयू के चार कर्मियों को नोटिस दी गयी है. उन्हें छह जुलाई को सुबह 10 बजे सारे कागजात के साथ दिल्ली के हौज खास थाना में उपस्थित होने को कहा गया है. इसके अलावा दो और कर्मियों को नोटिस मिलने की सूचना है. सारे साक्ष्य साथ लेकर गयी पुलिस : टीएमबीयू में पिछले चार दिनों से दिल्ली पुलिस जांच कर रही थी. सारे साक्ष्य साथ लेकर पुलिस गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से चली गयी. जिन कर्मियों को नोटिस थमायी गयी है, उनमें तत्कालीन कुलसचिव डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह, रजिस्ट्रेशन सेक्शन के तत्कालीन सहायक दिनेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन टेबलेटर रजी अहमद व परीक्षा विभाग के सेक्शन ऑफिसर पद से सेवानिवृत्त बड़े नारायण सिंह शामिल हैं. पुलिस ने विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान के तत्कालीन प्रोफेसर इंचार्ज व तोमर की परीक्षाओं के केंद्राधीक्षक अनिल सिंह से भी पूछताछ की. लॉ कॉलेज में दिल्ली पुलिस ने पांच घंटे तक की गहन पड़ताल
कर्मचारियों के हस्ताक्षर के लिए नमूने, कई दस्तावेज को किया जब्त
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के कथित फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच के लिए गुरुवार को दिल्ली पुलिस की टीम एक बार फिर विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर पहुंची. पुलिस ने कॉलेज के कर्मचारियों से लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की और उनके हस्ताक्षर के नमूने लिये. इतना ही नहीं कई दस्तावेज को भी जब्त किया है. गुरुवार को दिल्ली पुलिस के एसीपी सोमेंद्र त्यागी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम लॉ कॉलेज पहुंची. इसमें एडिसनल डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा, सरोजनी नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर बीकेपीएस यादव एवं डिफेंस कॉलोनी थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह शामिल थे. ऐसा पहली बार हुआ है कि जिस हौज खास थाना में मामला दर्ज है उस थाना के कोई भी पदाधिकारी या केस के आइओ मामले की जांच में मुंगेर नहीं आये हैं.
कर्मचारियों में हड़कंप
कॉलेज परिसर में घुसने के साथ ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. क्योंकि सोमवार को ही कॉलेज के प्राचार्य आरके मिश्र, प्रधान लिपिक कृष्णनंदन सिंह सहित छह लोग हौज खास थाना में अपना बयान दर्ज करा कर वापस लौटे थे. गुरुवार को जब दिल्ली पुलिस कॉलेज पहुंची तो कर्मचारियों के होश उड़ गये. दिल्ली पुलिस की टीम ने कॉलेज के प्रधान लिपिक को प्राचार्य कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया. पुलिस ने उनसे घंटों पूछताछ की और कई दस्तावेज की जांच की. एक के बाद एक दस्तावेज की जांच करने के साथ ही संबंधित कर्मचारी से पूछताछ करते और एक कागज पर सभी से कुछ लिखवाते थे. दिल्ली पुलिस का मानना है कि इनके राइटिंग और परीक्षा के दौरान किये गये हस्ताक्षर, सर्टिफिकेट निकालने में किये गये हस्ताक्षर का मिलान राइटिंग एक्सपर्ट से कराया जायेगा.
दिल्ली पुलिस केवल विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान से जुड़े टीआर ले गयी है. छात्रों को इस बात से निराश होने की जरूरत नहीं है कि दिल्ली पुलिस द्वारा कई कागजात साथ ले जाने से छात्रों का काम नहीं हो पायेगा.
प्रो रमा शंकर दुबे, कुलपति, टीएमबीयू