थाना कैसे होगा हाइटेक धूल फांक रहा कंप्यूटर
भागलपुर: एसएसपी ने हर थानेदार को थाने के नाम से इमेल आइडी बनाने का निर्देश दिया है. लेकिन कोतवाली थाने में कंप्यूटर धूल फांक रहा है. ऐसे में इमेल आइडी बन जाने से भी क्या थाना हाइटेक होगा? भागलपुर जिले के कई थानों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जोड़ा गया है. […]
भागलपुर: एसएसपी ने हर थानेदार को थाने के नाम से इमेल आइडी बनाने का निर्देश दिया है. लेकिन कोतवाली थाने में कंप्यूटर धूल फांक रहा है. ऐसे में इमेल आइडी बन जाने से भी क्या थाना हाइटेक होगा? भागलपुर जिले के कई थानों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जोड़ा गया है. इसकी सफल टेस्ंिटग भी हो चुकी है. इसके तहत जिले के 18 थाने ऑन लाइन हो गये हैं और आपस में एक-दूसरे से जुड़ गये हैं. लेकिन थानों में दक्ष पुलिसकर्मियों की कमी है. इस कारण शायद ही किसी थाने में ऑन लाइन कामकाज होता है.
इस सिस्टम के लागू होने से न केवल अपराध पर अंकुश लगेगा बल्कि दर्ज कांड व अपराध की समीक्षा भी ऑन लाइन की जा सकेगी. दूसरे थाना क्षेत्रों के अपराधकर्मियों की विस्तृत जानकारी भी पल भर आसानी से हासिल की जा सकेगी. वारदात के बाद अपराधियों को ट्रेस करने में यह सिस्टम सहायक होगा. थानावार अपराधियों की रिकार्ड, तसवीर आदि जल्द ही ऑन लाइन हो जायेगा. कोतवाली थाने में सीसीटीएनएस के तहत काम भी शुरू हो गया है. कुल चार कंप्यूटर थाने में लगाया गया है, जिसे स्पेशल लीज लाइन से जोड़ दिया गया है. लेकिन इसका उपयोग थानों में नहीं के बराबर हो रहा है.
क्या-क्या होगा फायदा
जिले में थानों के सारे अभिलेख अभी मेनुअल हैं. रजिस्टर, पंजी में दर्ज है. लेकिन सीसीटीएनएस के लागू होने से थाने का सारा अभिलेख मसलन एफआइआर, सुपरविजन, एल्फाबेटिकल रजिस्टर, गुंडा पंजी समेत हर प्रकार का अभिलेख ऑन लाइन हो जायेगा. सीनियर अफसर इसकी मॉनिटरिंग आसानी से ऑन लाइन ही कर सकेंगे. किस केस में क्या प्रगति है, इसे पटना में बैठ कर ही जाना जा सकता है. अपने केस के बारे में सूचक (जिसने केस दर्ज कराया है) भी आसानी से जानकारी ले सकेंगे. बशर्ते उन्हें केस के बारे में कुछ-कुछ जानकारी संबंधित एप्लीकेशन पर देनी होगी.