राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर प्रखंड के सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों, छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल की दवा खिलायी गयी. एलबेंडाजोल की दवा खाने के बाद मवि ढोरिया में दवा खाते ही 40 से अधिक बच्चे बीमार हो गये. किसी ने पेट दर्द, तो किसी ने सिर दर्द, तो किसी ने चक्कर आने की शिकायत की. किसी ने शारीरिक पीड़ा होने की शिकायत कर बेहोश होने लगे. स्कूल में अफरा-तफरी मच गयी. घटना की जानकारी मिलते ही नदी थानाध्यक्ष संतोष कुमार शर्मा दलबल के साथ स्कूल पहुंचे और स्वास्थ्य टीम के सहयोग से सभी बच्चों को इलाज के लिए खरीक पीएचसी भिजवाया. पीएचसी प्रभारी डाॅ सुजीत कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ मनीष कुमार, नोडल पदाधिकारी सह बीसीएम समीना कुमारी, एएनएम विभा कुमारी व रीना कुमारी ने सभी बच्चों का प्राथमिक उपचार किया. धीरे-धीरे बच्चों की सेहत में सुधार हुआ और लोगों ने राहत की सांस ली. पीएचसी प्रभारी डाॅ सुजीत कुमार ने बताया कि सभी बच्चे की स्थिति करीब-करीब सामान्य हो चुकी है. अब कोई परेशानी की बात नहीं है. मैं तमाम लाभार्थियों से अपील करता हूं कि कोई भी व्यक्ति खाली पेट दवा नहीं खाएं. खाना खाकर दवा खाने पर किसी प्रकार की कोई शारीरिक पीड़ा हो, तो तुरंत चीनी-पानी या ओआरएस का घोल पिलायें. अमूमन साइड इफेक्ट उन्हें ही होता है, जिनके अंदर कृमि के परजीवी होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ही ठीक हो जाता है. बीइओ और बीपीएम ने बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति का जायजा लिया. ढोरिया मुखिया प्रतिनिधि विकास साह अपने समर्थकों के साथ अस्पताल में बीमार बच्चों की कुशल गृह वापसी तक अस्पताल में डटे रहे खरीक इलाके में नहीं दिखी रेपिड रिस्पांस टीम राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर प्रखंड के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाने के लिए आयोजित शिविर का सफल संचालन के लिए पीएचसी प्रबंधन की गठित प्रखंडस्तरीय रेपिड रिस्पांस टीम इलाके में गश्त करते नहीं दिखी. मध्य विद्यालय ढोड़िया में इस तरह की घटना हुई. अगर रेपिड रिस्पांस टीम एक्टिव रहती, तो घटना की सूचना मिलते ही बच्चों का प्राथमिक उपचार कर स्थिति नियंत्रित की जा सकती थी. इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इस संबंध में पूछने पर पीएचसी प्रभारी डाॅ सुजीत कुमार ने बताया कि इस संबंध में रेपिड रिस्पांस टीम से स्पस्टीकरण पूछा गया है. संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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