अमित रजक गिरोह के आधा दर्जन अपराधी थे शामिल

भागलपुर: घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक शाखा से बैंक डकैती के दौरान 49 लाख हुए लूट में मास्टर माइंड कन्हैया यादव ने स्थानीय अमित रजक गिरोह का सहयोग लिया था. इसमें आधा दर्जन अपराधी अमित रजक गिरोह के शामिल थे. बैंक डकैती में शामिल उर्दू बाजार के विक्की राजपाल ने पूछताछ के दौरान पुलिस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2015 8:44 AM
भागलपुर: घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक शाखा से बैंक डकैती के दौरान 49 लाख हुए लूट में मास्टर माइंड कन्हैया यादव ने स्थानीय अमित रजक गिरोह का सहयोग लिया था. इसमें आधा दर्जन अपराधी अमित रजक गिरोह के शामिल थे. बैंक डकैती में शामिल उर्दू बाजार के विक्की राजपाल ने पूछताछ के दौरान पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया. विक्की ने बताया कि बैंक डकैती के दौरान कन्हैया के कहने पर सभी लोग बैंक के बाहर ही हथियार के साथ तैनात थे. कुछ मोटरसाइकिल पर बैठे थे. जबकि कन्हैया और उसका आदमी व अमित रजक बैंक के अंदर डकैती करने गया था.

डकैती के बाद कन्हैया व उसके लोग अपने -अपने बाइक से भागे थे. कुछ लोग लोहिया पुल, तो कुछ लोग तिलकामांझी की ओर और कुछ लोग इशाकचक होते हुए भागे थे. अमित रजक कन्हैया गिरोह के साथ ही भागा था. जबकि अमित के अन्य साथी अलग -अलग बाइक से शहर के विभिन्न मार्ग से होते हुए फरार हुए थे. लूट रुपये सारे रुपये कन्हैया के पास ही थे. बैंक डकैती में करीब 14 लोग शामिल थे. एसएसपी विवेक कुमार ने बताया कि कन्हैया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम नवगछिया व भागलपुर के अलग -अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है. फरार अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

विक्की व राजेंद्र पाल को जेल भेजा
घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक में डकैती के आरोपित विक्की राजपाल को पूछताछ के बाद सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. साथ में सहयोगी राजेंद्र पाल को भी जेल भेजा गया. विक्की राजपाल ने लूट के 30 हजार रुपये सहयोगी राजपुर सबौर के राजेंद्र पाल को रखने दिया था. राजेंद्र पाल ने सबौर एसबीआइ में 30 हजार रुपये जमा कर दिया. विक्की राजपाल ने पुलिस को बताया था कि बैंक डकैती के दौरान अमित ने उसे 90 हजार रुपये हिस्सा दिया था. इसमें 40 हजार रुपये उसने खर्च कर दिया था. बाकी पैसे अपने रिश्तेदार को रखने दिया था. एसएसपी विवेक कुमार ने बताया कि विक्की राजपाल ने पूछताछ के दौरान बताया था कि राजेंद्र पाल को लूट के पैसे छिपाने के लिए दिया है. राजेंद्र पाल उसका रिश्तेदार है.

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