सहौड़ा-मदरौनी में कोसी का रौद्र रूप जारी
दो सौ घर कोसी में समायेसहौड़ा का अस्तित्व लगभग खत्म अपने घरों को तोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोगप्रतिनिधि, गोपालपुर कोसी के लगातार कटाव के कारण सहौड़ा व मदरौनी की स्थिति नाजुक बनी हुई है. कोसी बराज से 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सहौड़ा-मदरौनी में कोसी अपना रौद्र रूप दिखा […]
दो सौ घर कोसी में समायेसहौड़ा का अस्तित्व लगभग खत्म अपने घरों को तोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोगप्रतिनिधि, गोपालपुर कोसी के लगातार कटाव के कारण सहौड़ा व मदरौनी की स्थिति नाजुक बनी हुई है. कोसी बराज से 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सहौड़ा-मदरौनी में कोसी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. मदरौनी के मुखिया शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पुरानी रेलवे लाइन पर बसे सहौड़ा के अब तक दो सौ घर कोसी में विलीन हो चुके हैं. शेष लोग अपने घरों को तोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर सामान के साथ जा रहे हैं. यहां का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है. मदरौनी के ग्रामीणों को भी कटाव से विस्थापित होने का भय सताने लगा है. मदरौनी के ग्रामीण सुरक्षित आशियाने की तलाश में जुट गये हैं. बारिश से कार्य में बाधा इधर दिन में मूसलधार वर्षा होने के कारण फ्लड फाइटिंग कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. जल संसाधन विभाग द्वारा मात्र 200 मीटर में बोल्डर पिचिंग का कार्य कराया गया था, लेकिन जलस्तर में वृद्धि होने के कारण लगभग 1500 मीटर के दायरे में अचानक तेज कटाव होने लगा. कहते हैं अभियंता अधीक्षक अभियंता ई विनोद कुमार गुप्ता व कार्यपालक अभियंता ई अवधेश झा ने सहौड़ा में कटाव स्थल का जायजा लिया. दोनों ने बताया कि नौ ठेकेदार एक हजार से अधिक मजदूरों से यहां 24 घंटे फ्लड फाइटिंग का काम करा रहे हैं. इसी बैग, जिओ बैग, बंबू रोल व हाथी पांव से कटाव रोकने का प्रयास किया जा रहा है. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि स्थिति गंभीर, लेकिन नियंत्रण में है.