अवैध वधशाला हटाने के डीएम के निर्देश पर नगर आयुक्त ने कहा शहर में नहीं है बूचड़खाना

भागलपुर: जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव द्वारा शहर से अवैध बूचड़खाना हटाये जाने के निर्देश पर नगर आयुक्त अवनीश कुमार ने कहा कि शहर में कहीं बूचड़खाना है ही नहीं. उन्होंने कहा कि यहां खुले में मांस व मछली की बिक्री की जाती है. इस पर रोक लगायी जायेगी, पर इसके लिए फोर्स व मजिस्ट्रेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2015 8:34 AM
भागलपुर: जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव द्वारा शहर से अवैध बूचड़खाना हटाये जाने के निर्देश पर नगर आयुक्त अवनीश कुमार ने कहा कि शहर में कहीं बूचड़खाना है ही नहीं. उन्होंने कहा कि यहां खुले में मांस व मछली की बिक्री की जाती है. इस पर रोक लगायी जायेगी, पर इसके लिए फोर्स व मजिस्ट्रेट की जरूरत है. प्रशासन पहले यह सुविधा दे, तभी यह काम संभव है. डीएम द्वारा शो कॉज किये जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बुधवार को वह इसका जवाब देंगे. बता दें कि अलीगंज में सप्लाइ पानी से खून मिला पानी आने के बाद रविवार को वहां काफी हंगामा हुआ था. लोगों ने सड़क जाम किया था. इस पर सोमवार को डीएम ने नगर निगम के पदाधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी थी. काम नहीं करने की स्थिति में कार्रवाई करने को भी एसडीओ को कहा था. इसी दौरान नगर आयुक्त को भी शो कॉज किया था.
मंगलवार को इस संबंध में नगर आयुक्त ने बताया कि बुधवार को एक टीम का गठन किया जायेगा. टीम अवैध रूप से खुले में मांस-मछली बेचनेवालों को नोटिस देगी. इसके बाद प्रशासन ने फोर्स व मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराया तो ऐसे दुकानों को हटाया जायेगा. इधर, मंगलवार को शहर के विभिन्न भागों में खुले में मांस-मछली की बिक्री हुई. शहर के तिलकामांझी चौक, भीखनपुर चौक, इशाकचक, बरारी, हुसैनाबाद में मांस-मछली की दुकानें खुली और लोगों ने जम कर खरीदारी की.
मंत्री का निर्देश भी फेल
बता दें कि साल भर पहले अपने भागलपुर प्रवास के दौरान तत्कालीन नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. लेकिन हुआ कुछ नहीं. डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर ने भी ऐसा ही कहा था, पर सब हवा-हवाई हो गया.
कई सालों से बंद है रजिस्ट्रेशन
पहले निगम द्वारा शहर में मांस-मछली की दुकानों का रजिस्ट्रेशन किया जाता था, लेकिन पिछले 10 साल से इन दुकानों का रजिस्ट्रेशन होना बंद है. यहां तक कि पहले से निबंधित दुकानों का नवीनीकरण भी नहीं हुआ, इस कारण शहर में व्यवस्था फेल है.

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