रमजान का जुमा किस्मत वालों को होता है नसीब

रमजान के चौथे जुमे पर मसजिदों व खानकाहों में उमड़ी नमाजियों की भीड़- देर से मसजिद पहुंचने वालों ने बाहर पढ़ा नमाज संवाददाता,भागलपुर रमजान के चौथे जुमे पर शहर के विभिन्न मसजिदों व खानकाहों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. कई मसजिदों का आलम यह था कि लोगों को नमाज अदा करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2015 11:04 PM

रमजान के चौथे जुमे पर मसजिदों व खानकाहों में उमड़ी नमाजियों की भीड़- देर से मसजिद पहुंचने वालों ने बाहर पढ़ा नमाज संवाददाता,भागलपुर रमजान के चौथे जुमे पर शहर के विभिन्न मसजिदों व खानकाहों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. कई मसजिदों का आलम यह था कि लोगों को नमाज अदा करने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. नतीजतन देर से मसजिद पहुंचने वाले नमाजियों को बाहर ही नमाज अदा करना पड़ा. शाही मसजिद खलीफाबाग, भीखनपुर, बरहपुरा, तातारपुर, जब्बारचक, हुसैनपुर, हुसैनाबाद, मौलानाचक, हबीबपुर, चमेलीचक, बरारी, शाहजंगी, कबीरपुर, नाथनगर , नरगा, चंपानगर आदि मसजिदों में बड़ी संख्या में नमाजियों ने नमाज अदा की. मौके पर मौलाना सरताज आलम कादरी ने कहा कि रमजान के पवित्र माह में जुमा की अहमियत काफी बढ़ जाती है. किस्मत वालों को ही जुमे का नमाज नसीब होता है. रमजान में जुमे का नमाज अदा करनेवालों को आम जुमे से 70 गुना अधिक सबाब मिलता है. इसकी फजीलत काफी मानी जाती है. उन्होंने कहा कि रमजान का तीसरा अशरा चल रहा है. यह जहन्नुम से निजात दिलाने वाला अशरा होता है. लोगों को चाहिए कि हर पल अल्लाह की इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगे. रमजान रहमत व बरकत से भरा माह है. इसका एक-एक पल रोजेदारों के लिए महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने लोगों को बताया कि रमजान का आखिरी व अलविदा जुमा आने वाला है. अल्लाह के बंदों को इस दौरान पूरी शिद्दत से इबादत करनी चाहिए.

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