अग्रवाल वैश्य को मिले ओबीसी का दर्जा
भागलपुर : मारवाड़ी अग्रवाल वैश्य जाति को ओबीसी का दर्जा मिलना चाहिए. रविवार को बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के कौस्तुभ जयंती व 29वें प्रादेशिक अधिवेशन के दूसरे दिन खुले सत्र में चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया गया. दो दिनों से टाउन हॉल में चल रहे जयंती कार्यक्रम व सम्मेलन का समापन हो गया. शनिवार […]
भागलपुर : मारवाड़ी अग्रवाल वैश्य जाति को ओबीसी का दर्जा मिलना चाहिए. रविवार को बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के कौस्तुभ जयंती व 29वें प्रादेशिक अधिवेशन के दूसरे दिन खुले सत्र में चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया गया. दो दिनों से टाउन हॉल में चल रहे जयंती कार्यक्रम व सम्मेलन का समापन हो गया.
शनिवार को भागलपुर प्रमंडल का खुला अधिवेशन, आम सभा व कार्य समिति की बैठक, महिला सत्र का विचार-प्रवाह, मलखम शो, राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या व रविवार को शोभायात्रा, झंडोत्तोलन, उद्घाटन समारोह, पदस्थापना समारोह हुआ. समारोह में बिहार ही नहीं दूसरे प्रदेशों के भी मारवाड़ी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया.
खुला अधिवेशन में पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष प्रो रामपाल अग्रवाल नूतन ने कहा कि अग्रवाल समाज के पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, न कि खुद के लिए ओबीसी की मांग करनी चाहिए. इसे लेकर खुल कर चर्चा हुई. कुछ ने प्रो अग्रवाल का समर्थन किया, तो कुछ ने देश के अलग-अलग स्थानों में वैश्य जाति से तुलना करते हुए ओबीसी की मांग की.
चर्चा के बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. नवनिर्वाचित अध्यक्ष निर्मल चंद झुनझुनवाला ने खुले सत्र में पारित प्रस्तावों के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया. मारवाड़ी (राजस्थानी) भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने की मांग की गयी. चर्चा में सम्मेलन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने कहा कि मारवाड़ी भाषा विश्व के सभी देशों में बोली जाती है.
मारवाड़ी समाज के लोग सभी देशों में व्यवसाय के लिए गये और स्थापित हुए. इसलिए मारवाड़ी भाषा को सम्मान मिले. मारवाड़ी समाज के लोगों की राजनीतिक भागीदारी तय करने पर भी काफी चर्चा हुई. विधायक संजय सरावगी का कहना था कि पहले तो बिहार सरकार में मारवाड़ी समाज के लोगों की भागीदारी अच्छी रहती थी. अब केवल एक एमएलसी से संतोष करना पड़ रहा है, जबकि मारवाड़ी समाज के लोग प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक कार्यो व सरकार के कार्यो में मदद करते रहे हैं.
समाज की शादियों में खर्च पर रोक लगाने, सड़क पर महिलाओं के नाचने और बैंड-बाजा पर रोक लगाने, स्वच्छता अभियान के लिए सम्मेलन की 153 शाखाओं को जागरूक करने, कन्या भ्रूण हत्या रोकने में महिला व पुरुषों दोनों की समान भागीदारी निभाने व मानव समाज में निर्धन व कमजोर व्यक्ति को जीवन यापन व शिक्षा के लिए हर प्रकार की मदद करने पर प्रस्ताव पारित किया गया. खुले सत्र के बाद सम्मेलन के नगर शाखा अध्यक्ष श्रवण बाजोरिया ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा कर दी. मौके पर स्वागत मंत्री विनोद अग्रवाल, स्वागताध्यक्ष लक्ष्मी नारायण डोकानिया आदि उपस्थित थे.