रखरखाव के लिए कम पड़ी जगह, प्रभावित हो रही ट्रेनों की सफाई
-जगह की कमी के कारण रद्द होने वाली ट्रेनों का रैक रखना पड़ता सबौर और टेकानी में संवाददाता, भागलपुरभागलपुर यार्ड में इन दिनों जगह की कमी के कारण ट्रेनों की साफ -सफाई प्रभावित हो रही है. दरअसल भागलपुर-जम्मू अमरनाथ एक्सप्रेस को छोड़ कर भागलपुर से खुलने वाली अधिकतर एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों की सफाई भागलपुर […]
-जगह की कमी के कारण रद्द होने वाली ट्रेनों का रैक रखना पड़ता सबौर और टेकानी में संवाददाता, भागलपुरभागलपुर यार्ड में इन दिनों जगह की कमी के कारण ट्रेनों की साफ -सफाई प्रभावित हो रही है. दरअसल भागलपुर-जम्मू अमरनाथ एक्सप्रेस को छोड़ कर भागलपुर से खुलने वाली अधिकतर एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों की सफाई भागलपुर में होती है. मगर लंबी दूरी की ट्रेन रद्द होने पर रैक को 72 घंटे तक यार्ड में रखना पड़ता है. इस कारण अन्य ट्रेनों की सफाई प्रभावित होती है. बता दें कि भागलपुर में पीट लाइन की संख्या-3 और दो ट्रैक है. इस कारण रद्द ट्रेनों के रैक को यार्ड में पीट लाइन और ट्रैक के अभाव में सबौर और टेकानी में भी रखना पड़ता है. इधर पर्याप्त जगह और संसाधन के अभाव में विक्रमशिला एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाने की योजना को ड्रॉप करना पड़ा है. क्या है एलएचबी कोच एलएचबी कोच विशेष बनावट की होती है. कोच की लंबाई 23.54 मीटर और चौड़ाई 3.24 मीटर होती है. यह कोच स्टील का बना होता है. इसका औसतन वजन 39.5 टन होता है. इन कोचों की खास बात यह है कि बड़े से बड़े हादसे के दौरान यह एक-दूसरे से अलग नहीं होते हैं और न ही एक-दूसरे पर चढ़ते हैं. सभी डिब्बों में एडवांस डिस्क ब्रेक लगे होते हैं. एलएचबी कोचों में हाइ कैपेसिटी वातानुकूलित सिस्टम लगे होते हैं. कोच के दरवाजे स्लाइडर पर रहता है. सभी कोच में पानी सप्लाई की विशेष व्यवस्था रहती है. कोच में आधुनिक शौचालय बना रहता है.