तसवीर डॉ आरके सिन्हा कीवरीय संवाददाता भागलपुर : जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ आरके सिन्हा पांडिचेरी में 2015 में आयोजित वैज्ञानिक अधिवेशन में भाग लेंगे. वे 17 जुलाई को नवजातों के ब्रेन डैमेज विषय पर अपना शोध चिकित्सकों को बतायेंगे. उन्होंने बताया कि ब्रेन डैमेज का केस प्रति हजार पर पांच से सात बच्चों में होता है. सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने के बाद भी कुछ लोग सरकारी अस्पतालों के बजाय अपने घरों में प्रसव करा लेते हैं. प्रसव के छह घंटे के अंदर ही सांस फूलने लगे, कुहरना या चमकी आने की शिकायत हो तो उसे विशेषज्ञों से दिखाना चाहिए. इससे बच्चे को नि:शक्त होने से बचाया जा सकेगा.
पांडिचेरी में व्याख्यान देंगे डॉ सिन्हा
तसवीर डॉ आरके सिन्हा कीवरीय संवाददाता भागलपुर : जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ आरके सिन्हा पांडिचेरी में 2015 में आयोजित वैज्ञानिक अधिवेशन में भाग लेंगे. वे 17 जुलाई को नवजातों के ब्रेन डैमेज विषय पर अपना शोध चिकित्सकों को बतायेंगे. उन्होंने बताया कि ब्रेन डैमेज का केस प्रति हजार पर पांच से […]
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