भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री जांच को लेकर पिछले पांच दिनों से दिल्ली पुलिस साक्ष्यों की तलाश कर रही है. कभी रजिस्ट्रार कार्यालय, तो कभी परीक्षा विभाग जाकर कागजात को तलाश रही है. बुधवार को दिन भर टीआर का फटा पन्ना परीक्षा विभाग में पुलिस तलाशती रही. लेकिन देर शाम तक नहीं पाया.
ज्ञात हो कि वर्ष 1999 में एलएलबी पार्ट थ्री की परीक्षा उत्तीर्ण होने का तोमर का अंक पत्र तोमर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से जारी हुआ था. विश्वविद्यालय प्रत्येक रिजल्ट के लिए टीआर तैयार करता है, जिसमें छात्रों का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर और मार्क्स अंकित होता है. लेकिन तोमर के पार्ट थ्री का टीआर का पन्ना रजिस्टर से फटा हुआ है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस तीन बार भागलपुर विश्वविद्यालय आ चुकी है. हर बार पुलिस ने टीआर के उस फटे पन्ना की तलाशी की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस बार भी पुलिस उस फटा पन्ना की तलाश विभिन्न शाखाओं में करती रही. इससे पहले इस बार पुलिस 1998 के टीआर की मांग कर रही थी. वह इसलिए कि पिछली बार जब पुलिस विभिन्न कागजात को जब्त कर अपने साथ दिल्ली ले गयी थी, तो उसके सीजर लिस्ट में 1998 के टीआर का जिक्र नहीं था. विवि का कहना था कि 1998 का टीआर दिया जा चुका है. इसके बाद जब दिल्ली में पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया तो पुलिस ने जब्त कागजात की पड़ताल की, जिसमें 1998 का टीआर मिल गया. फिर पुलिस अधिकारी ने भागलपुर विश्वविद्यालय पहुंचे पुलिसकर्मी को 1998 का टीआर न मांगने का निर्देश दिया.