आज भी तो संवार दीजिए गंगा के घाट

एसएम कॉलेज घाट की स्थिति एसएम कॉलेज समीप स्थित गंगा तट पर महिलाओं के कपड़ा बदलने का घर नहीं है. गंगा तट पर अब भी कूड़ा कचरा फेंका जा रहा है. स्थानीय लोग भी गंगा तट पर कचरा फेंकते हैं.यहां गंदगी है. इसके अलावा घाट पर वेपर लाइट नहीं है. कहीं-कहीं तार टूट कर झूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2015 8:21 AM
एसएम कॉलेज घाट की स्थिति
एसएम कॉलेज समीप स्थित गंगा तट पर महिलाओं के कपड़ा बदलने का घर नहीं है. गंगा तट पर अब भी कूड़ा कचरा फेंका जा रहा है. स्थानीय लोग भी गंगा तट पर कचरा फेंकते हैं.यहां गंदगी है. इसके अलावा घाट पर वेपर लाइट नहीं है. कहीं-कहीं तार टूट कर झूल रहा है.
बरारी पुल घाट पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. जगह-जगह महिलाओं द्वारा या दुकानदारों द्वारा कांच की चूड़ियां बिखेर दी गयी. इस पर नंगे पैर चलने वाले कांवरियों को कभी भी ये चूड़ियां चुभ सकती हैं.
हनुमान घाट की स्थिति
हनुमान घाट पर तो किसी प्रकार की सुविधा नहीं थी. चाहे रोशनी हो, सफाई व्यवस्था हो, शौचालय हो, बेरिकेडिंग हो या महिलाओं के कपड़े बदलने की सुविधा हो. इन सुविधाओं को बहाल करने के लिए अभी तक कोई प्रयास भी नहीं किया गया है. स्थानीय लोगों द्वारा इस मार्ग में अतिक्रमण कर जगह-जगह मवेशी बांध दिया गया है. ऐसे में कांवरिया को परेशानी होगी.
बरारी सीढ़ी घाट की स्थिति
बरारी सीढ़ी घाट की ओर जैसे ही कोई प्रवेश करेगा तो यहां कचरा से भरा गड्ढा है जो थोड़ी बारिश होने पर दलदली कीचड़ में परिणत हो जायेगा. ऐसे में कांवरियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
महिलाएं के कपड़े बदलने के घर हैं भी तो सुरक्षा के लिहाज से महिलाएं ठाकुरबाड़ी परिसर में कपड़े बदलती हैं. यहां की सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है. रोशनी के लिए लोगों द्वारा बल्व लगाये गये हैं, जो कभी जलता है, कभी नहीं. गंगा का जल स्तर बढ़ गया है और सीढ़ी पर फिसलन बहुत है, जिससे श्रद्धालुओं का फिसल कर गंगा में डूबने का डर है. इसके लिए बेरिकेडिंग भी नहीं करायी गयी है.

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