भागलपुर : भागलपुर और बांका के 53 पैक्स दबा रखे हैं 11 करोड़ रुपये. यह राशि फिलहाल किस स्थिति में इसकी कोई अद्यतन रिपोर्ट नहीं है. इस कारण सहकारिता विभाग ने ऐसे पैक्स से जुड़े तमाम सदस्यों व उनके निकटवर्ती संबंधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है.
भागलपुर जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जिला सहकारिता विभाग ने पत्र जारी कर कहा है कि जब तक इन पैक्सों द्वारा दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जमा नहीं किया जाये, इन्हें चुनाव के लिए नामांकन नहीं करने दिया जाये. वहीं दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की भागलपुर मुख्य शाखा द्वारा भागलपुर व बांका के सभी बैंक शाखा को ऐसे पैक्सों को बिना राशि जमा किये किसी भी परिस्थिति में अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं देने का निर्देश दिया जा रहा है.
धान-गेहूं खरीद के पैसे दबा लिये : वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक धान व गेहूं की खरीद भागलपुर व बांका जिले के पैक्सों ने की थी. इनमें भागलपुर के 25 पैक्सों ने पांच करोड़ की वापसी आज तक बैंक को नहीं की. वहीं बांका के 28 पैक्स ने भी पांच-छह करोड़ की राशि की वापसी नहीं की. यह स्थिति तब है, जबकि पैक्सों को उसी वर्ष राशि का हिसाब दे देना था, जिस वर्ष राशि उनके खाते में गयी थी.
पत्नी या निकट संबंधी को चुनाव लड़ाने की चाल नहीं आयेगी काम : सूचना है कि एक अगस्त को होने वाले पैक्स चुनाव के लिए वैसे पैक्स के सदस्य अपनी पत्नी या अन्य निकट संबंधी को नामांकन कराने की तैयारी में है, जो वर्षों से राशि दबाये बैठे हैं. लेकिन उनकी इस चाल को भी मात देने की तैयारी में सहकारिता विभाग है. इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों को उनके किसी भी निकट संबंधियों का नामांकन नहीं लेने को कहा गया है.
एसएफसी को चावल नहीं देनेवाले के खिलाफ होगी प्राथमिकी
वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18405 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. इसके एवज में 12331 मीट्रिक टन चावल एसएफसी को आपूर्ति करना था. उसमें 11863 एमटी चावल आपूर्ति कर दी गयी है. शेष की आपूर्ति अविलंब करने का निर्देश दिया गया है. जो चावल नहीं देंगे, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और संबंधित पैक्स को निलंबित करने का निर्देश बिहार सहयोग समितियां की निबंधक रचना पाटिल ने दिया है.