शंभू मंडल ने रूदल को पिस्तौल दी थी, शंकर के परिजन आक्रोशित

भागलपुर: सबौर थाना क्षेत्र के प्रशस्तडीह निवासी शंकर मंडल के शव का बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया. मंगलवार को प्रशस्तडीह के ही कुख्यात अपराधी रूदल मंडल ने गोली मार कर शंकर की हत्या कर दी थी. शंकर मंडल के परिजन और संबंधी रूदल के खिलाफ आक्रोशित थे और वे बदला लेने की बात कह रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2015 8:38 AM
भागलपुर: सबौर थाना क्षेत्र के प्रशस्तडीह निवासी शंकर मंडल के शव का बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया. मंगलवार को प्रशस्तडीह के ही कुख्यात अपराधी रूदल मंडल ने गोली मार कर शंकर की हत्या कर दी थी. शंकर मंडल के परिजन और संबंधी रूदल के खिलाफ आक्रोशित थे और वे बदला लेने की बात कह रहे थे. शंकर मंडल के चाचा और चचेरे भाई ने कहा कि इस बार रूदल अगर गांव आया तो उससे बदला लिया जायेगा. शंकर के परिजनों ने रूदल मंडल, शंभू मंडल, अधिक मंडल और गेन्हारी देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
शंभू मंडल ने रूदल को दी थी पिस्तौल : शंकर मंडल के भाई जयकांत मंडल ने बताया कि घर की टाली हटाने को लेकर शंकर और रूदल के बीच विवाद होने के बाद रूदल ने शंकर को जान से मारने की धमकी दी. तभी शंभू मंडल ने अपने घर से रूदल को पिस्तौल लाकर दे दी. उसी पिस्तौल से रूदल ने शंकर को गोली मार दी. अधिक मंडल रूदल का रिश्ते में भाई लगता है और गेन्हारी देवी शंभू की पत्नी है. रूदल के गांव आने पर उसे पनाह देने का आरोप गेन्हारी पर लगाया जा रहा है.
10 साल पहले तलवार और गोली चलायी थी रूदल ने : प्रशस्तडीह से आये शंकर के चचेरे भाई सुनील मंडल ने कहा कि दस साल पहले रूदल ने उस पर तलवार से वार किया था और उसके भाई बिनोद मंडल को गोली मारी थी. सुनील और बिनोद दोनों ही घायल हो गये थे. गांव के लोगों ने कहा कि रूदल के अपराधी होने की वजह से उसका कोई विरोध नहीं करता.
एक हाथ से नि:शक्त था शंकर : शंकर मंडल दाहिने हाथ से नि:शक्त था. मजदूरी कर वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. शंकर के चले जाने के बाद उसकी पत्नी तीन बेटा और एक बेटी के भरण-पोषण भी सवाल उठ गया है.
मौके पर थे आठ लोग
शंकर मंडल के छोटे भाई जयकांत मंडल ने बताया कि रूदल ने 17 अगस्त को उसके घर की टाली तोड़ दी थी. गांव में रोड का काम चल रहा था. मंगलवार को शंकर वहां काम कर रहा था. वहीं पर रूदल भी पहुंचा. शंकर ने रूदल से पूछा कि उसने उसके घर की टाली क्यों तोड़ दी. इतना पूछते ही रूदल ने शंकर को गोली मार दी. जयकांत ने बताया कि उसके भाई को गोली लगते ही वह अपने भाई की तरफ दौड़ा. तबतक रूदल वहां से भाग चुका था. जयकांत ने बताया कि उसके भाई को वहां से उठाने के लिए कोई आगे नहीं आया जबकि उस समय वहां आठ लोग मौजूद थे.

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