मलेरिया पीड़ितों की होगी रक्त जांच
भागलपुर: पिछले तीन दिनों में मलेरिया के 50 से ज्यादा मामले सामने आने से डॉक्टर व स्वास्थ्य पदाधिकारी चिंतित हैं. सदर अस्पताल के एसीएमओ रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि पिछले दो साल से भागलपुर में मलेरिया के मरीज नहीं के बराबर आ रहे थे, लेकिन इस साल अचानक इतनी बड़ी संख्या में मलेरिया के मरीज […]
भागलपुर: पिछले तीन दिनों में मलेरिया के 50 से ज्यादा मामले सामने आने से डॉक्टर व स्वास्थ्य पदाधिकारी चिंतित हैं. सदर अस्पताल के एसीएमओ रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि पिछले दो साल से भागलपुर में मलेरिया के मरीज नहीं के बराबर आ रहे थे, लेकिन इस साल अचानक इतनी बड़ी संख्या में मलेरिया के मरीज का मिलना चिंता की विषय है.
उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल से डॉक्टरों की टीम जेएलएनएमसीएच जाकर मलेरिया से पीड़ितों का ब्लड सेंपल लेगी और मलेरिया किस स्टेज में है, उसकी जांच की जायेगी. बता दें कि जेएलएनएमसीएच में मलेरिया से पीड़ित 30 से 35 भरती हैं. डॉ डीपी सिंह ने बताया कि मंगलवार को भी मलेरिया के पांच नये मरीज अस्पताल में भरती हुए हैं. इसके अलावा भागलपुर के विभिन्न निजी अस्पतालों व क्लिनिकों में भी दर्जनों मलेरिया पीड़ित इलाज करा रहे हैं. पीएचसी में अब तक एक भी रिपोर्ट नहीं : एसीएमओ रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि अब तक जिले के किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मलेरिया से पीड़ित मरीज की जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि एहतियातन सभी पीएचसी में मलेरिया की दवा क्लोरोपिन पर्याप्त मात्र में उपलब्ध है.
शहर में नहीं अब तक फॉगिंग नहीं : सामान्य तौर पर बरसात के बाद मच्छर का प्रकोप बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए फॉगिंग करायी जाती है, लेकिन अब तक नगर निगम की ओर से शहर में फॉगिंग शुरू नहीं करायी गयी है. डॉ डीपी सिंह ने बताया कि जेएलएनएमसीएच से लेकर अलीगंज तक का क्षेत्र मलेरिया मच्छरों के लिए ज्यादा संवेदनशील है.
जेएलएनएमसीएच में भरती मरीजों को मच्छरदानी नहीं
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मलेरिया से पीड़ित 30-35 मरीज इलाज करा रहे हैं. सभी वार्ड में पांच से सात मरीज भरती हैं. लेकिन यहां इन मरीजों को बिना मच्छरदानी के ही रखा गया है. सामान्य रूप से मलेरिया पीड़ित को बिना मच्छरदानी के नहीं रखा जाता है. वैसे मेडिसिन विभाग के डॉ डीपी सिंह ने बताया कि सभी मलेरिया पेशेंट को मच्छरदानी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.