किशोर की हत्या में दो को उम्रकैद

भागलपुर: तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सोमवार को षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश में कार्यरत मो इरशाद आलम के मंझले बेटे टीपू की हत्या में आरोपित मो राजू व मो सोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. आरोपियों ने टीपू को पत्थर से कूच कर हत्या कर दी थी और उसे रेलवे पुल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2015 8:31 AM
भागलपुर: तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सोमवार को षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश में कार्यरत मो इरशाद आलम के मंझले बेटे टीपू की हत्या में आरोपित मो राजू व मो सोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. आरोपियों ने टीपू को पत्थर से कूच कर हत्या कर दी थी और उसे रेलवे पुल के नीचे ट्रैक के पास फेंक दिया था. 28 अगस्त को कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया था. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक दीप कुमार व बचाव पक्ष से लक्ष्मण प्रसाद सिंह ने पैरवी की थी.
यह है मामला
सात सितंबर 2006 को तत्कालीन सब जज आइडी सिंह के न्यायालय में कार्यरत आदेशपाल इरशाद आलम जब शाम में ऑफिस से घर गये तो उनको अपने पुत्र इमरान आलम उर्फ टीपू(14 वर्ष) के गायब होने का पता चला.उन्होंने भीखनपुर टेक लेन में उन्होंने अपने बेटे की तलाश की. मगर रात 9 बजे उनको मुहल्लेवालों ने बताया कि मो राजा उर्फ मो राजू सलाउद्दीन टीपू को बंशी टीकर ले गया था. वहां उसने टीपू की हत्या कर दी. सूचना के बाद सबने मो राजू से पूछताछ की. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने दरवाजे पर टीपू के साथ बैठा हुआ था. शाम करीब सात बजे उसने टीपू को नाश्ता करने के लिए साथ चलने को कहा. इस पर पहले तो टीपू राजी नहीं हुआ, लेकिन बाद में वह राजू के साथ बंशी टीकर के समीप रेलवे पुल के पास गया. इसके बाद उसने टीपू को रेलवे पुल से नीचे फेंक दिया. पुल से नीचे फेंकने के बाद वे नीचे आये और वहां पर पत्थर से पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी. घटना को लेकर मो इरशाद आलम की शिकायत पर मो राजू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
बकरी चोरी बनी हत्या का कारण
गिरफ्तार होने पर मो राजू ने कोर्ट में बताया कि टीपू की हत्या में मो सोनू भी साथ था. उसने न्यायालय में बताया कि उसने व मो सोनू ने किसी की बकरी चोरी की थी, जिसे टीपू ने देख लिया था. उन्हें डर था कि टीपू इसकी जानकारी मुहल्लेवालों को न दे दे, इसलिए उसकी हत्या कर दी.

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