बकरीद : अल्लाह को पसंद है कुरबानी

भागलपुर: बकरीद हजरत इब्राहिम अलैह सलाम व हजरत इस्माइल अलैह सलाम की याद में मनाया जाता है. 25 सितंबर को बकरीद मनायी जायेगी. अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुरबानी देने जा रहे थे, लेकिन अल्लाह ने हजरत इस्माइल की जगह दुम्बा भेज कर कुरबानी कबूल फरमाया. अल्लाह को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2015 8:50 AM
भागलपुर: बकरीद हजरत इब्राहिम अलैह सलाम व हजरत इस्माइल अलैह सलाम की याद में मनाया जाता है. 25 सितंबर को बकरीद मनायी जायेगी. अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुरबानी देने जा रहे थे, लेकिन अल्लाह ने हजरत इस्माइल की जगह दुम्बा भेज कर कुरबानी कबूल फरमाया. अल्लाह को कुरबानी पसंद है. अल्लाह अपने नेक बंदों से समय-समय पर कुरबानी लेते रहे हैं, ताकि बंदा धैर्य, संयम व सब्र वाला बन सके.

उक्त बातें मदरसा जामिया शहबाजिया के हेड शिक्षक मुफ्ती मौलाना फारूक आलम अशरफी ने कही. उन्होंने ने बताया कि अल्लाह के नाम पर कुरबानी कर नजदीक होने का बंदा प्रयास करता है. कुरबानी दिखावा नहीं, बल्कि ईमानदारी व अकीदत का नाम है. हर मालदार पर कुरबानी वाजिब है. कुरबानी तीन दिनों तक कर सकते हैं. सुबह-सुबह कुरबानी करें. दिन ढलने पर कुरबानी नहीं करें.

इस माह में महत्वपूर्ण इबादत हज होता है. दुनिया के तमाम लोग अल्लाह व उनके रसूल के घर में इकट्ठा होकर हज के कई अरकान पूरा करते हैं. एक तरह से लोग अल्लाह के मेहमान के रूप में होते हैं. इन दिनों में रोजा रखना जायज नहीं होता है. बकरीद लोगों को यह संदेश देता है कि अल्लाह के हुक्म को हर हाल में मानें और पालन करें. अल्लाह के हुक्म पर तन-मन धन तक अल्लाह के रास्ते में कुरबान करें.

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