हुक्म है, नहीं तो मच्छरों का दंश नहीं झेलते

हुक्म है, नहीं तो मच्छरों का दंश नहीं झेलते-पॉलिटेक्निक बगीचा में ड्राइवर को अपने वाहनों को नहीं छोड़ने का निर्देशफोटो : आशुतोषवरीय संवाददाता, भागलपुरविधानसभा चुनाव को लेकर बड़े वाहन जब्त किये जा रहे हैं. वाहनों को पॉलिटेक्निक के बगीचा में रखा जा रहा है. सभी वाहनों के ड्राइवर दिन गिन रहे हैं कि कब छुट्टी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 6:45 PM

हुक्म है, नहीं तो मच्छरों का दंश नहीं झेलते-पॉलिटेक्निक बगीचा में ड्राइवर को अपने वाहनों को नहीं छोड़ने का निर्देशफोटो : आशुतोषवरीय संवाददाता, भागलपुरविधानसभा चुनाव को लेकर बड़े वाहन जब्त किये जा रहे हैं. वाहनों को पॉलिटेक्निक के बगीचा में रखा जा रहा है. सभी वाहनों के ड्राइवर दिन गिन रहे हैं कि कब छुट्टी मिले और बगीचा में 24 घंटे रहने हो रही परेशानी से निजात मिल सके. एक तो परिवार से दूर और दूसरा बगीचा के सामने ठेले पर खुले होटल के बेस्वाद भोजन करने की मजबूरी. एक ड्राइवर ने बताया कि वे सब कुछ बरदाश्त कर सकते हैं, लेकिन भोजन से कभी समझौता नहीं करते. हुक्म मिला है, नहीं तो यहां मच्छरों का दंश कौन बरदाश्त करना चाहेगा. एक अन्य ड्राइवर का कहना था कि ठेले पर 40 रुपये में सादा और 60 रुपये में मीट, मछली मिलता है. चार दिन के भोजन के लिए 400 रुपये दिया गया है. इसी में ड्राइवर व खलासी को खाना है. उन्हें 24 घंटे वाहनों के पास ही रहना पड़ता है. रात में अपनी गाड़ियों में सीट बिछा कर सोते हैं. ट्रक ड्राइवरों का कहना था कि वे हमेशा अपने साथ स्टोव, बरतन और भोजन सामग्री लेकर चलते हैं. खुद से बनाते हैं और सब मिल कर खाते हैं. उनका कहना था कि सब कुछ तो ठीक है, पर ढाबे के खटिया की कमी खलती है.

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