चना व आलू से चलाते हैं काम
भागलपुर: सब्जी के बाजार में तो आग लग गयी है. हर सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं. हरी सब्जी तो पूरी तरह थाली से गायब ही हो गयी है. आलू, मटर, चना व सोयाबीन से ही सब्जी की कमी पूरी हो रही है. जानो देवी को इस बात का मलाल है कि वह अपने […]
भागलपुर: सब्जी के बाजार में तो आग लग गयी है. हर सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं. हरी सब्जी तो पूरी तरह थाली से गायब ही हो गयी है. आलू, मटर, चना व सोयाबीन से ही सब्जी की कमी पूरी हो रही है.
जानो देवी को इस बात का मलाल है कि वह अपने परिवार व ग्राहकों को ढंग की हरी सब्जियां नहीं परोस पाती. वह कहती हैं कि जिस दिन चोखा बनता है, उसमें प्याज का अभाव रहता है. प्याज खाये चार माह से अधिक हो गये. बिना प्याज के स्वाद भी नहीं आता. शुरू -शुरू में तो प्याज के बिना सब्जी अच्छी नहीं लगती थी, लेकिन अब अभ्यस्त हो गये हैं. चार-पांच माह पहले जब प्याज का भाव 12 से 15 रुपये था, वे खरीद कर ले आती थी. अब तो भाव पूछती भी नहीं है.
हरी सब्जी का भाव जब से बढ़ा है, वह इसे खरीद नहीं पा रही है.वह गोला घाट में रहती है. वह पति प्रकाश चौधरी के साथ फुटपाथ पर होटल चलाती है. बढ़ती महंगाई से वह परेशान है. वह कहती है कि महंगाई जिस तरह से बढ़ गयी है, उससे परिवार पालना मुश्किल हो गया है. सरकार को वह कोसती है. जानो कहती है कि दुर्गापूजा में कुछ खास बना नहीं सकी.लगता है दीपावली भी फीकी ही रहेगी. यह हाल केवल जानो का नहीं हर घर की कहानी है.