रोगियों की संख्या घटी

जेएलएनएमसीएच : नहीं मिल रहे वाहन, बढ़ी परेशानी भागलपुर : विधानसभा चुनाव को लेकर शहर में वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल में रोगियों के आने की संख्या घट गयी है. आउट डोर में इलाज कराने बहुत कम रोगी पहुंच रहे हैं. शनिवार को 300 से 400 मरीज ही इलाज कराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 8:30 AM
जेएलएनएमसीएच : नहीं मिल रहे वाहन, बढ़ी परेशानी
भागलपुर : विधानसभा चुनाव को लेकर शहर में वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल में रोगियों के आने की संख्या घट गयी है. आउट डोर में इलाज कराने बहुत कम रोगी पहुंच रहे हैं. शनिवार को 300 से 400 मरीज ही इलाज कराने पहुंचे, जबकि सामान्य दिनों में 600 से 700 की संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते थे.
फर्मासिसट व एक्स-रे टेक्निशियन को चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर देने से शनिवार को एक्स-रे व दवा वितरण केंद्र पहले की तरह सुबह नौ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक खुला रहा. अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा कि अब तीन चार दिन मरीजों की संख्या कम ही होगी. कारण चुनावी माहौल व चुनाव के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने से लंबी दूरी से आने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गयी है.
चुनाव के दौरान तैयार रहेंगे तीन एंबुलेंस व इमरजेंसी में 10 बेड
अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि चुनाव के दिन 12 अक्तूबर को किसी भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना के मद्देनजर इमरजेंसी वार्ड में अलग से 10 बेड को सुरक्षित रहेगा. अस्पताल में पूरे दिन किसी भी आकस्मिक घटना से निबटने के लिए तीन एंबुलेंस वाहन को तैनात रखा जायेगा. ब्लड बैंक को भी अलर्ट कर दिया गया है. सभी ग्रुप के कुछ यूनिट ब्लड को सुरक्षित कर लिया गया है. जरूरत की दवा भी इमरजेंसी वार्ड में पर्याप्त मात्रा में रखी जायेगी.
डेंगू के दो नये मरीज भरती
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल में शनिवार को डेंगू वार्ड में मात्र दो नये मरीज भरती हुए हैं. सोनू कुमार और राधिका रानी भागलपुर हैं. डेंगू वार्ड में 15 मरीजों का उपचार चल रहा है. भरती मरीजों की कुल संख्या 218 हो गयी हैं. माइक्रो बायलॉजी विभाग के एलिजा टेस्ट में 56 डेंगू मरीजों में पॉजिटिव रिजल्ट आया है.
बिहार में सबसे ज्यादा नवजात की मौत
भागलपुर. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल के शिशु रोग विभाग में शनिवार को यूनिसेफ और राज्य सरकार की पहल पर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की वर्तमान स्थिति पर एक कार्यशाला हुई.
कार्यशाला में यूनिसेफ के डॉ विकास नायक ने शिशु मृत्यु दर के बारे में बिहार की गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक साल डेढ़ लाख शिशु की मौत हो जाती है, लेकिन नवजात की मौत में यूपी के बाद सबसे ज्यादा बिहार में मौत होती है. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की सही से रिपोर्टिंग नहीं होने की बात कही.
मौके पर यूनिसेफ के डॉ आफताब आलम, डॉ शिव शेखर के अलावा गायनी विभाग की अध्यक्ष डॉ अनुपमा सिन्हा, शिशु विभाग के डॉ सुशील भूषण, डॉ केके सिन्हा, डॉ राजीव कुमार, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ प्रेम प्रकाश, डॉ खलील अहमद, डॉ दीपक, डॉ सिद्धार्थ, डॉ नरेश, गायनी व शिशु विभाग के सभी नर्स, हेल्थ मैनेजर सुनील गुप्ता आदि मौजूद थे.

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