पीरपैंती से मिरजाचौकी : यहां आने से लगता है डर

पीरपैंती से मिरजाचौकी : यहां आने से लगता है डर सब हेडिंग :: एनएच-80 :10 किमी पर 12 करोड़ खर्च, खायी में तब्दील सड़क से गुजरना किसी यातना से कम नहीं ———————इंट्रो ::: नेशनल हाइवे पीरपैंती से मिरजाचौकी तक 10 किमी लंबी सड़क बनी तो है, पर सड़क कहां है यह पता नहीं चलता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 9:01 PM

पीरपैंती से मिरजाचौकी : यहां आने से लगता है डर सब हेडिंग :: एनएच-80 :10 किमी पर 12 करोड़ खर्च, खायी में तब्दील सड़क से गुजरना किसी यातना से कम नहीं ———————इंट्रो ::: नेशनल हाइवे पीरपैंती से मिरजाचौकी तक 10 किमी लंबी सड़क बनी तो है, पर सड़क कहां है यह पता नहीं चलता है. इस सड़क पर चलने पर कहीं भी यह एहसास नहीं होता कि नेशनल हाइवे तो दूर कहीं पक्की सड़क पर चल रहे हैं. सड़क पर उड़ती धूल, जगह-जगह बन गये खाईनुमा गड्ढे से होकर गुजरना किसी यातना से कम नहीं है. पीरपैंती से अम्मापाली तक तो सड़क है ही नहीं. जर्जर सड़क के कारण कई बार दुर्घटना हो चुकी है. सैलानी भी जब इस मार्ग से गुजरते हैं, तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है. इसका असर पर्यटन पर भी पड़ रहा है. इसके अलावा सड़क मार्ग से मंगाये जाने वाले समान समय पर एनटीपीसी नहीं पहुंच पाता है, जिससे कभी-कभी बिजली उत्पादन पर भी भी प्रभावित होता है. फिर भी विभाग बेफिक्र हैं और जनप्रतिनिधि खामोश. संवाददाता, भागलपुर पीरपैंती से मिरजाचौकी तक 10 किमी लं नेशनल हाइवे खाई में तब्दील हो गया है. पीरपैंती से अम्मापाली के बीच तो सड़क का नामोनिशान नहीं है. दोपहिया वाहन तो किसी तरह गुजर भी जाते हैं, लेकिन चारपहिया वाहन का गुजरना कठिन है. यही कारण है कि निजी वाहन अब नेशनल हाइवे को छोड़ कर पीरपैंती से प्यालापुर, शामपुर, झुरकुसिया होकर मिरजाचौकी तक आवाजाही कर रहे हैं. नेशनल हाइवे पर केवल ट्रक चलती है, वह भी शाम के बाद इसकी संख्या नहीं के बराबर हो जाती है. बता दें कि इस 10 किमी लंबी सड़क के निर्माण पर एनएच विभाग ने करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. जबकि सड़क निर्माण के लिए करीब 10 करोड़ रुपये ही सेंशन हुआ था. ठेकेदार को दो करोड़ रुपये तक ज्यादा भुगतान के बाद भी तीन साल तक सड़क कम से कम चलने लायक भी दुरुस्त नहीं रह सकी है. सड़क 2012 में बनी है. निर्माण की जिम्मेदारी एस एंड पी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गयी थी. निर्माण में लीपापोती के कारण सड़क चलने लायक नहीं रह गयी है. मालूम हो कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक एनएआइ में बड़े पद पर है और निर्माण के दौरान उनकी मनमानी चली थी. निर्माण के बाद नहीं हुआ रखरखाव लगभग तीन साल पहले पीरपैंती से मिरजाचौकी तक सड़क बनी है. निर्माण के बाद सड़क का रखरखाव नहीं हुआ. जबकि मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत कांट्रैक्टर को सड़क का मेंटनेंस करना था. विभाग ने भी मेंटेनेंस के लिए कांट्रैक्टर पर दबाव नहीं बनाया. नतीजा, समय से पहले ही सड़क जर्जर हो गयी. बॉक्स मैटर रमजानीपुर और मिरजाचौक तक मजबूतीकरण का टेंंडर रद्द नेशनल हाइवे के कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन में रमजानीपुर से पीरपैंती और पीरपैंती से मिरजाचौकी के बीच सड़क मजबूतीकरण कार्य के लिये निकाला गया टेंडर रद्द करना पड़ा है. अब दोबारा टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. दरअसल, किसी भी कांट्रैक्टर ने टेंडर ही नहीं डाला है. अगर टेंडर फाइनल होता, तो दोनों सड़क के मजबूतीकरण पर 4.36 करोड़ की लागत आती है. क्योंकि विभाग ने रमजानीपुर से पीरपैंती तक के लिए 2.89 करोड़ एवं पीरपैंती से मिरजाचौकी तक के लिए 1.47 करोड़ रुपये प्राक्कलन राशि में शामिल किया है.

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