वक्रिमशिला एप्रोच पथ : विभाग पैसा देने में आगे, काम लेने पीछे

विक्रमशिला एप्रोच पथ : विभाग पैसा देने में आगे, काम लेने पीछे-पहले के ठेकेदार काे दिया 13 करोड़, दूसरे को एक करोड़ से ज्यादा, डेढ़ साल बाद भी सड़क अर्धनिर्मित संवाददाता, भागलपुरपथ निर्माण विभाग पैसा देने में आगे है, लेकिन ठेकेदार से सड़क बनवाने में हमेशा पीछे रहा है. निर्धारित समय पर सड़क नहीं बनती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2015 9:32 PM

विक्रमशिला एप्रोच पथ : विभाग पैसा देने में आगे, काम लेने पीछे-पहले के ठेकेदार काे दिया 13 करोड़, दूसरे को एक करोड़ से ज्यादा, डेढ़ साल बाद भी सड़क अर्धनिर्मित संवाददाता, भागलपुरपथ निर्माण विभाग पैसा देने में आगे है, लेकिन ठेकेदार से सड़क बनवाने में हमेशा पीछे रहा है. निर्धारित समय पर सड़क नहीं बनती है, तो काम पर महंगाई का असर दिखने लगता है. ठेकेदार या तो कॉस्ट कटिंग करता है या फिर आधा अधूरा ही काम छोड़ देता हैं अथवा विभाग ही वर्क काे रि-साईन कर देता हैं. हर हाल में ठेकेदार को फायदा होता है, लेकिन सड़क जर्जर रह जाती है, जिससे शहरवासियों को परेशानी होती है. फिलहाल यह स्थिति विक्रमशिला एप्रोच पथ की है. विभाग ने पहले के ठेकेदार साईं इंजीकॉन को करीब 13 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया. लगातार दबाव बनाने के बाद भी निर्धारित समय से पांच माह बाद भी 10.60 किमी लंबी सड़क नहीं बनी. विभाग को वर्क रि-साईन करना पड़ा और दोबारा टेंडर हुआ. दोबारा टेंडर करने के बाद बेगूसराय की ब्रॉडवे लिंक प्राइवेट लिमिटेड को सड़क बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. यहां भी विभाग का रवैया पहले जैसा रहा है. ठेकेदार को एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन सड़क बनाने के नाम पर केवल चौड़ीकरण का काम आधा-अधूरा ही हो सका है. बॉक्स मैटर जर्जर सड़कों से जाना होगा मां दुर्गा का दर्शन करने करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़क की हालत ग्रामीण सड़कों जैसी हो गयी है. बावजूद राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर मरम्मत कराने के प्रति बेफिक्र है. इस बार पूजा पर श्रद्धालुओं को मां दुर्गा का दर्शन करने के लिए जर्जर सड़क से होकर जाना होगा. एनएच का निर्माण पटना के बादल युवराज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कराया है. निर्माण के दौरान ही एक तरफ से सड़क बन रही थी, तो दूसरी तरफ से मरम्मत हो रहा था. ठेकेदार ने जैसे-तैसे सड़क बना अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया, लेकिन अब इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. हाल में जब पीएम आने वाले थे, तो ठेकेदार पर दबाव बना सड़क का मरम्मत हुआ. दुर्गा पूजा को लेकर न तो विभाग दबाव बना रहा है और न ही ठेकेदार सड़क मरम्मत करा रहे हैं. एकरारना के अनुसार ठेकेदार को सड़क निर्माण के तीन साल तक रखरखाव का कार्य करना है.

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