महाअष्टमी का व्रत 21 को
महाअष्टमी का व्रत 21 को-महानिशा पूजा व काल रात्रि जागरण कल संवाददाता, भागलपुरमहाअष्टमी व्रत पद्म पुराण, देवी पुराण, दुर्गोत्सव भक्ति तरंगिनी के अनुसार अष्टमी-नवमी तिथि युक्त ग्राह्य है. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि अष्टमी-नवमी तिथि युक्त ग्राह्य होने से अष्टमी व्रत 21 अक्तूबर को ही किया जाना चाहिए. चूकि बुधवार दिनांक 21 अक्तूबर […]
महाअष्टमी का व्रत 21 को-महानिशा पूजा व काल रात्रि जागरण कल संवाददाता, भागलपुरमहाअष्टमी व्रत पद्म पुराण, देवी पुराण, दुर्गोत्सव भक्ति तरंगिनी के अनुसार अष्टमी-नवमी तिथि युक्त ग्राह्य है. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि अष्टमी-नवमी तिथि युक्त ग्राह्य होने से अष्टमी व्रत 21 अक्तूबर को ही किया जाना चाहिए. चूकि बुधवार दिनांक 21 अक्तूबर को अष्टमी में सूर्योदय हो रहा है और अष्टमी तिथि बुधवार को प्रात: 8:52 बजे तक है, इसलिए बुधवार को ही अष्टमी में उदया तिथि मान कर अष्टमी व्रत किया जायेगा. क्योंकि सप्तमी भेद संयुक्त अष्टमी को पूजन आदि करने से पुत्र, स्त्री और धन की हानि होती है तथा शोक व संतापकारिणी है. इसलिए मंगलवार को महानिशा पूजा, काल रात्रि जागरण होने के बावजूद अष्टमी व्रत नहीं किया जा सकेगा.