सीबीएसइ स्कूलों में नये सत्र से नामांकन कराना होगा मुश्किल
सीबीएसइ स्कूलों में नये सत्र से नामांकन कराना होगा मुश्किल – सीआरएस सॉफ्टवेयर से प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र को ही सीबीएसइ के स्कूल मानेंगे सही – सत्र 2016 से नियम लागू, प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र से होगा बच्चों का स्कूलों में नामांकनसंवाददाता, भागलपुर सीबीएसइ स्कूलों में नये सत्र 2016 से बच्चों का नामांकन कराना मुश्किल […]
सीबीएसइ स्कूलों में नये सत्र से नामांकन कराना होगा मुश्किल – सीआरएस सॉफ्टवेयर से प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र को ही सीबीएसइ के स्कूल मानेंगे सही – सत्र 2016 से नियम लागू, प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र से होगा बच्चों का स्कूलों में नामांकनसंवाददाता, भागलपुर सीबीएसइ स्कूलों में नये सत्र 2016 से बच्चों का नामांकन कराना मुश्किल हो जायेगा. सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन करने वाले बच्चों का जन्म प्रमाण ( सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) सीआरएस से प्रमाणित होना जरूरी होगा. सीआरएस से जांच कराने के उपरांत ही बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को सीबीएसइ स्कूल मान्यता देंगे. केंद्र सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र को लेकर एक नियम बनाया था. यह नियम सारे स्कूलों में वर्ष 2016 से लागू होगा. सॉफ्टवेयर प्रमाणित करेगा जन्म प्रमाण पत्र बोर्ड ने जन्म प्रमाण पत्र की जांच के लिए एक साॅफ्टवेयर बनाया है. यह साॅफ्टवेयर बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को प्रमाणित करेगा कि यह सही है या नहीं. इससे बच्चों का हर साल जनगणना में सही आकलन हो सकेगा कि कितने बच्चों ने किस साल में जन्म लिया है. बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र सीआरएस से प्रमाणित नहीं होने पर स्कूल में मूल जन्म प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा. नौवीं में नामांकित छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र की होगी जांचवर्तमान में स्कूल में पढ़ रहे किसी भी कक्षा के छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र को सीआरएस से प्रमाणित कर दुरुस्त किया जायेगा. छात्र नौंवी में जायेंगे, तो उनके जन्म प्रमाण पत्र की जांच होगी. किसी छात्र का सीआरएस से जन्म प्रमाण पत्र प्रमाणित नहीं होता है, तो उन्हें नौवीं में रजिस्ट्रेशन में परेशानी हो सकती हैं. बोर्ड ने 2015-17 सत्र के लिए नौवीं के रजिस्ट्रेशन में 13 साल की उम्र सीमा तय कर रखी है. इससे छात्रों को लाभ मिलेगा. बोर्ड को इसकी जानकारी मिल पायेगी कि किस साल कितने बच्चों का जन्म हुआ है. कितने बच्चों ने स्कूल में नामांकन कराया है. सीआरएस सॉफ्टवेयर पहले से भी लागू था, लेकिन इसे अब प्रभावी बनाया गया है.चंद्रचूड़ झा, जिला समन्वयक सीबीएसइ स्कूल