सुलतानगंज के एटम, जगदीशपुर की टिकरी व कजरैली के लाल छेना का जवाब नहीं
सुलतानगंज के एटम, जगदीशपुर की टिकरी व कजरैली के लाल छेना का जवाब नहीं-गांव में मां को लगेंगे इन मिठाइयों के भोगसंवाददाता,भागलपुरदुर्गा पूजा को लेकर जिले के अलग-अलग प्रखंड व स्थानों में अलग-अलग मिठाई का प्रचलन है. यहां पर इन्हीं मिठाई का भोग लगता है. सुलतानगंज का रसगुल्ला, जगदीशपुर की टिकरी व कजरैली का लाल […]
सुलतानगंज के एटम, जगदीशपुर की टिकरी व कजरैली के लाल छेना का जवाब नहीं-गांव में मां को लगेंगे इन मिठाइयों के भोगसंवाददाता,भागलपुरदुर्गा पूजा को लेकर जिले के अलग-अलग प्रखंड व स्थानों में अलग-अलग मिठाई का प्रचलन है. यहां पर इन्हीं मिठाई का भोग लगता है. सुलतानगंज का रसगुल्ला, जगदीशपुर की टिकरी व कजरैली का लाल छेना लोगों के मन से नहीं निकल पाता है. इसलिए मिठाई दुकानदार इन मिठाइयों को इतना तैयार कर रहे हैं कि मेला के दौरान लोगों के बीच कम न पड़े. सुलतानगंज के हरि किशन सिंह ने बताया कि सुलतानगंज का बड़ा रसगुल्ला लोगों को खूब पसंद आता है. 15 रुपये में मिलने वाला यह रसगुल्ला एटम के नाम से प्रचलित है. यह कच्चा व पक्का दोनों में उपलब्ध है. इतना ही नहीं ट्रेन से लोग उतर-उतर कर खरीदते हैं. मां को भोग लगाने के लिए लोग गोपालभोग खरीदते हैं. दूर-दूर के लोग खरीदते हैं जगदीशपुर की टिकरीजगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत आनंदमार्ग कॉलोनी डॉ टीके दास ने बताया कि जगदीशपुर की टिकरी बहुत नामी है. रंग-बिरंगी टिकरी पर जब चांदी वर्क लगाया जाता है तो देख कर ही मन भर जाता है. यहां पर कई प्रखंड रजौन, गोराडीह, नाथनगर, शाहकुंड, सन्हौला, धौरेया, सबौर के लोग खरीद कर ले जाते है. यहां पर मां को भी टिकरी का भोग लगाया जाता है. तीन रंगों लाल, भूरा व उजला टिकरी बनती है. यहां पर लोग जब मेला देखने आते हैं, तो पूजा के बाद मुढ़ी-घुघनी खाये बिना नहीं जाते हैं. 20 रुपये में लोगों का पेट भर जाता है. मनोहरपुर के शिक्षक सुमन चौरसिया ने बताया कि कजरैली का लाल छेना बच्चों से लेकर बुजुर्गों व महिलाओं को खूब पसंद है. दुर्गा पूजा पर इसकी खूब खरीदारी होती है. इस क्षेत्र में किसी का घर ऐसा नहीं होगा कि लाल छेना नहीं खरीदते होंगे.