भागलपुर: अनंत सिंह और शहाबुद्दीन. दोनों बाहुबली. दोनों नेता रह चुके. एक पूर्व एमपी तो दूसरा पूर्व एमएलए. दोनों का अपने-अपने क्षेत्रों में जबरदस्त प्रभाव. एक पिछले एक दशक से जेल में बंद है तो दूसरा कुछ ही महीने पहले जेल पहुंचे हैं. संयोग है कि फिलहाल दोनों विशेष केंद्रीय कारा के तृतीय खंड में बंद हैं. दोनों के नाम और व्यक्तित्व नदी के दो किनारे लगते हैं. पर जेल बाहरी दुनिया से अलग है. इसलिए यहां का माहौल भी अलग है. सूत्रों की मानें तो जेल में शहाबुद्दीन और अनंत सिंह का याराना है. दोनों साथ बैठते हैं. खूब बातें करते हैं. दोनों एक दूसरे को अपने बीते कल की कहानी सुनाते हैं.
अन्य भी होते हैं साथ: विशेष केंद्रीय कारा में बंद अनंत सिंह और शहाबुद्दीन सुबह होते ही एक दूसरे के पास बैठ जाते हैं. चाय की चुस्की और अखबार की खबरों पर चर्चा के साथ इन दोनों के दिन की शुरुआत होती है. शहाबुद्दीन और अनंत सिंह नाश्ता भी साथ करते हैं. जेल के बाहर चाहे जो भी हो पर जेल के अंदर तो इनकी भाईचारा देखते ही बनती है. इन दोनों के साथ विजय कृष्ण, रीत लाल यादव और अन्य बाहुबली कैदी भी मौजूद होते हैं. अनंत सिंह और शहाबुद्दीन जब अकेले में बैठते हैं तो उस बीच में कोई और नहीं जाता.
चुनाव पर चर्चा सबसे ज्यादा
सूत्रों की मानें तो जेल के अंदर नये दोस्त बने शहाबुद्दीन और अनंत सिंह के बीच सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी मुद्दे पर होती है तो वह विधानसभा चुनाव है. अनंत सिंह इस बार चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए वे चुनाव में जीत हार के गणित पर खूब चर्चा करते हैं.
मोबाइल और विशेष चौकसी पर होती है चर्चा
सूत्रों की मानें तो अनंत सिंह द्वारा बाढ़ के एसडीपीओ को धमकी दिये जाने के मामले की वैसे तो अभी जांच चल रही है. पर यह मुद्दा नये दोस्त बने शहाबुद्दीन और अनंत सिंह के बीच भी सबसे ज्यादा गरम है. दोनों इस मुद्दे पर खूब बातें करते हैं. शहाबुद्दीन जेल में बिताये अपने समय के बारे में भी बातें करते हैं.