कतरनी की खेती से विमुख हो रहे किसान

जगदीशपुर : पर्याप्त वर्षा का अभाव सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण अब क्षेत्र के किसान कतरनी की खेती से विमुख होते जा रहे हैं. बालू उठाव के कारण क्षेत्र की नदियां गहरी हो चुकी हैं. सहायक नदियों के साथ-साथ डांड़ व तालाब भी मृतप्राय हो चुके हैं. इसका सीधा असर खेती पर पड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 8:10 AM
जगदीशपुर : पर्याप्त वर्षा का अभाव सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण अब क्षेत्र के किसान कतरनी की खेती से विमुख होते जा रहे हैं. बालू उठाव के कारण क्षेत्र की नदियां गहरी हो चुकी हैं.
सहायक नदियों के साथ-साथ डांड़ व तालाब भी मृतप्राय हो चुके हैं. इसका सीधा असर खेती पर पड़ रहा है. किसान बारिश पर ही आश्रित रह गये हैं. सिंचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण इस बार प्रखंड क्षेत्र में लगभग ढाई सौ एकड़ जमीन में ही कतरनी धान की खेती हुई है.
50 फीसदी फसल को नुकसान : अभी जो स्थिति है उससे तो किसानों की कमर ही टूट गयी है.बारिश नहीं होने के कारण 50 प्रतिशत कतरनी की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों ने बताया कि जहां-जहां पौधे में बाली आ चुकी है, वहां करीब 25 प्रतिशत धान खखरी में तब्दील हो चुकी है. अभी करीब एक सप्ताह तक बाली आने का सिलसिला जारी रहेगा. वह भी पुष्ट होगा या नहीं यह भी कहना मुश्किल है.

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