अहंकार से मुक्ति के बाद ही मिलेंगे भगवान

अहंकार से मुक्ति के बाद ही मिलेंगे भगवानफोटो : विद्यासागर-रामचरित मानस नवाह परायण व भागवत कथा का चौथा दिनसंवाददाता,भागलपुरश्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ समिति एवं बाल हनुमान सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को चौथे दिन रामचरित मानस नवाह परायण एवं भागवत कथा जारी रहा. प्रात: काशी से आये पंडितों ने नवाह परायण का पाठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 9:38 PM

अहंकार से मुक्ति के बाद ही मिलेंगे भगवानफोटो : विद्यासागर-रामचरित मानस नवाह परायण व भागवत कथा का चौथा दिनसंवाददाता,भागलपुरश्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ समिति एवं बाल हनुमान सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को चौथे दिन रामचरित मानस नवाह परायण एवं भागवत कथा जारी रहा. प्रात: काशी से आये पंडितों ने नवाह परायण का पाठ कराया. संध्याकालीन सत्र में बनारस से पधारे पंडितों ने भजन गाकर श्रीराम कथा व भागवत कथा कार्यक्रम का शुभारंभ किया. बाल व्यास विजय शंकर चतुर्वेदी महाराज ने कहा कि भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए उनका यंत्र बनने के लिए विनम्रता की जरूरत है, न की अहंकार की. अहंकार तो वह रोड़ा है, जिसके आने से भगवान कोसों दूर चले जाते हैं. अर्जुन ने अपने जीवन काे भगवान श्रीकृष्ण के हाथों सौंप दिया और उनके निमित्त बनते ही महानता को प्राप्त किया. उज्जैन से पधारे महामण्डलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद ने कहा कि सत्संग व्यक्ति के चरित्र निर्माण के लिए होता है. वृंदावन से पधारे कलाकारों ने झांकी प्रस्तुत की. मौके पर प्रभुदयाल टिबड़ेवाल, श्यामा प्रसाद घोष, दीपक घोष, अभय घोष सोनू, अमरनाथ मिश्रा, धरणीधर मिश्रा, सुभाष कर्ण, सुनील अग्रवाल, मनोज सिन्हा, एके दत्ता, उपेंद्र महाराज, रामू जी, प्रणव दास, प्रो केसरी प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे.

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