सरकारी विभागों को नहीं लगेगा मानचत्रि के लिए शुल्क

सरकारी विभागों को नहीं लगेगा मानचित्र के लिए शुल्क राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने दो वर्ष पहले दिशा निर्देश में किया संशोधनआम लोगों व निजी एजेंसी को मानचित्र लेने के लिए लगेगा शुल्क वरीय संवाददाता, भागलपुरबिहार सर्वेक्षण कार्यालय के डिजिटलाइजड सर्वे मानचित्र के लिए सरकारी विभाग को शुल्क अदायगी नहीं करनी होगी. इससे विभागों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 9:55 PM

सरकारी विभागों को नहीं लगेगा मानचित्र के लिए शुल्क राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने दो वर्ष पहले दिशा निर्देश में किया संशोधनआम लोगों व निजी एजेंसी को मानचित्र लेने के लिए लगेगा शुल्क वरीय संवाददाता, भागलपुरबिहार सर्वेक्षण कार्यालय के डिजिटलाइजड सर्वे मानचित्र के लिए सरकारी विभाग को शुल्क अदायगी नहीं करनी होगी. इससे विभागों को अपने स्तर पर डीपीआर तैयार करने आदि में आसानी हो जायेगी. इससे पहले शुल्क लगाने के निर्देश से विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा था. वहीं राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने निजी एजेंसी व आम लोगों को विभिन्न योजनाओं को लेकर मानचित्र के लिए शुल्क देना होगा. यह मिला था निर्देशबिहार सर्वेक्षण कार्यालय ने डिजिटलाइजड सर्वे मानचित्र तैयार किया था. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने तैयार मानचित्र की बिक्री का फैसला लिया. इसके तहत विभाग ने 18 जुलाई 2013 को एक दिशा निर्देश में ग्रामीण राजस्व सर्वे मानचित्र पर शुल्क लगा दिया. सर्वे के मुद्रण व सामग्रियों के लागत व्यय को देखते हुए विभाग ने राशि भी तय कर दी थी. इसमें डिजिटलाइजड राजस्व सर्वे मानचित्र के प्रति नक्शे पर 150 रुपये और वेबसाइड के माध्यम से डिजिटलाइजड राजस्व सर्वे मानचित्र के प्रति नक्शा 125 रुपये का दर निर्धारित हुआ था. पहले यह थी स्थिति विभाग के नये निर्देश से ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में फायदा होगा. ग्रामीण विकास की योजना का डीपीआर तैयार करते समय विभाग को जमीन सर्वे का मानचित्र आदि की जरूरत पड़ जाती है. मगर पहले मानचित्र के लिए शुल्क लगने के कारण कई बार जमीन सर्वे के पुराने मानचित्र से ही काम चलाया जाता था. वही जमीन अधिग्रहण जैसे अहम काम में भी भू-अर्जन विभाग को सर्वे मानचित्र की आवश्यकता पड़ती है, जो उन्हें नि:शुल्क उपलब्ध हो सकेगी.

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