अपसंस्कृति से बचते हुए भारतीय संस्कृति को अपनायें : स्वामी स्वरूपानंद
अपसंस्कृति से बचते हुए भारतीय संस्कृति को अपनायें : स्वामी स्वरूपानंद-आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित प्रवचनसंवाददाता, भागलपुरचारधाम मंदिर, उज्जैन के पीठाधीश्वर व महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी महाराज ने कहा कि छात्र विदेशी अपसंस्कृति से बचते हुए भारतीय संस्कृति को अपनायें. महामंडलेश्वर श्री गिरी आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में नैतिक एवं आध्यात्मिक […]
अपसंस्कृति से बचते हुए भारतीय संस्कृति को अपनायें : स्वामी स्वरूपानंद-आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित प्रवचनसंवाददाता, भागलपुरचारधाम मंदिर, उज्जैन के पीठाधीश्वर व महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी महाराज ने कहा कि छात्र विदेशी अपसंस्कृति से बचते हुए भारतीय संस्कृति को अपनायें. महामंडलेश्वर श्री गिरी आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में नैतिक एवं आध्यात्मिक विभाग द्वारा आयोजित प्रवचन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में भारतीय संस्कृति ही देश, समाज को विघटित होने से बचा सकता है. समाज से वैमनस्यता को समाप्त किया जा सकता है. उन्होंने इस अवसर पर छात्रों की आंतरिक एवं बाहरी स्वच्छता पर विशेष बल दिया. इस अवसर पर अपने संबोधन में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि विद्यालय में प्राचीन एवं आधुनिक शिक्षा दिया तो जाता ही है साथ में संस्कार पक्ष काे सबल करने के लिये आध्यात्मिक वातावरण में वंदना किये जाने की व्यवस्था भी यहां की गयी है. इसके पूर्व महामंडलेश्वर स्वामीजी, प्रधानाचार्य मनोज कुमार मिश्र, उप प्रधानाचार्य रविशंकर पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया. प्रधानाचार्य ने स्वामीजी को अंगवस्त्र भेंट किया तो उप प्रधानाचार्य श्री पांडेय, मनोज कुमार पांडेय और रविरंजन पांडेय ने माल्यार्पण कर स्वागत किया. इस अवसर पर भीष्म, आराधना, अशोक, मंजू समेत विद्यालय के छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रही.