दिन चढ़ने के साथ ही रौ में आता गया शहर

दिन चढ़ने के साथ ही रौ में आता गया शहर-सुबह दुकानें बंद, तो रहा कर्फ्यू सा माहौल-दोपहर तक खुल गयी पान, चाय व रोजमर्रा की दुकानें -चाय की चुस्कियों के साथ हाेने लगी परिणाम पर चर्चासंवाददाता, भागलपुरपौ फूटने से पहले शहर अलसाया हुआ था. दुकाने बंद तो शहर की सड़कों पर दूध वाले और हॉकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 6:45 PM

दिन चढ़ने के साथ ही रौ में आता गया शहर-सुबह दुकानें बंद, तो रहा कर्फ्यू सा माहौल-दोपहर तक खुल गयी पान, चाय व रोजमर्रा की दुकानें -चाय की चुस्कियों के साथ हाेने लगी परिणाम पर चर्चासंवाददाता, भागलपुरपौ फूटने से पहले शहर अलसाया हुआ था. दुकाने बंद तो शहर की सड़कों पर दूध वाले और हॉकर आ-जा रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, शहर अपनी रौ में आता गया. आलम यह कि दोपहर तक यह शहर आम रविवार की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही जिंदादिल हो गया था. इस दौरान शहर के प्रमुख चौक-चौराहों की चाय-पान और रोजमर्रा से संबंधित दुकानें खुल चुकी थी. चाय की दुकानों पर तो लोग बिहार विधान सभा परिणाम को लेकर चाय की चुस्कियों के बीच चर्चा भी करते दिखे.सुबह करीब सात बजे, स्थान तिलकामांझी चौक. यहां पर एक चाय की दुकान पर लोग चाय पी रहे थे. यहीं पर एक समाचार पत्र का स्टाल भी लग गया था जहां लोग अखबार खरीद रहे थे और चाय पीते हुए बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान चाय व अखबार के स्टाल को छोड़ दिया जाये तो लगभग सभी दुकानें बंद ही थी. इस दौरान कुछ टेंपो बरारी और जीरोमाइल से मनाली चौक की ओर आ-जा रहे थे. सैंडिस कंपाउंड में कुछ लाेग जागिंग कर रहे थे तो कुछ बैठ कर चर्चा में व्यस्त थे. इसके समीप बने पार्क में लगे बेंच पर बैठे विभिन्न आयु वर्ग के लोग चुनाव परिणाम पर चर्चा मशगूल थे. आगे कचहरी चौक पर चाय की दुकान और दूध-बेकरी की दुकान खुली हुई थी. यूं कहे इस दौरान लोग अपनी दिनचर्या निबटाने में मशगूल थे. अब तक करीब सुबह के आठ बजे चुके थे. घंटाघर से खलीफाबाग चौक तक का नजारा अभी भी कर्फ्यू जैसा ही था. एक चाय और दूध की दुकान को छोड़ दिया जाये तो यहां एक भी दुकान नहीं खुली थी. लगभग यहीं नजारा वेरायटी चौक, सोना पट्टी और सूजागंज मुहल्ले का रहा. इसके बाद करीब 11 बजे तिलकामांझी, कचहरी चौक, वेरायटी चौक, खलीफाबाग, बूढ़ानाथ चौक और आदमपुर का जायजा लिया गया तो सुबह की अपेक्षा नजारा बहुत बदल चुका था. दोपहर तक सुबह के लगभग कर्फ्यू जैसे माहौल से निकलकर अपनी रौ में आने लगा था. टीवी पर चुनाव परिणाम के रुझान आने के साथ-साथ शहर का हर चौक-बाजार गुलजार होने लगा था. लोग इस दौरान महागंठबंधन की जीत और एनडीए की हार पर चर्चा करने लगे थे. साथ ही शहर के प्रत्याशी के रुझान के बारे में लोग जानने का प्रयास कर रहे थे.

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