भागलपुर दंगा कांड: कामेश्वर यादव सहित नौ आरोपी बरी

भागलपुर: तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए भागलपुर में 24 अक्तूबर 1989 को हुए दंगे के मुख्य आरोपी तत्कालीन हिंदू महासभा के सदस्य रहे कामेश्वर यादव सहित नौ आरोपियों को बरी कर दिया. यह फैसला 26 वर्षों के बाद आया है. सभी आरोपियों के विरुद्ध अभियोजन पक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2015 8:44 AM

भागलपुर: तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए भागलपुर में 24 अक्तूबर 1989 को हुए दंगे के मुख्य आरोपी तत्कालीन हिंदू महासभा के सदस्य रहे कामेश्वर यादव सहित नौ आरोपियों को बरी कर दिया. यह फैसला 26 वर्षों के बाद आया है. सभी आरोपियों के विरुद्ध अभियोजन पक्ष कोई ठोस गवाह नहीं पेश कर सके. कोर्ट ने आरोपियों की दंगा में संलिप्तता की सीधी भूमिका नहीं पायी. मामले में सरकार की ओर से अपर विशेष लोक अभियोजक अतीउल्लाह और बचाव पक्ष से अभयकांत झा ने पैरवी की.

यह हुआ था मामला दर्ज : परबत्ती मोहल्ला के अजहर अली लेन के सैयद अफसर अली ने कोतवाली थाना में शिकायत दी थी कि 250 बलवाइयों ने आपत्तिजनक नारा लगाते हुए कई घर में लूट व आगजनी कर दी. इस दौरान 16 व्यक्तियों की हत्या कर उन्हें गायब कर दिया. इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पहले कोतवाली थाना के तत्कालीन एसआइ बच्चू लाल ने जांच की, लेकिन बाद में एसआइ बिंदा प्रसाद ने मामले की जांच कर चार्जशीट पेश किया. इसमें 12 लोग आरोपी बनाये गये. इसमें कामेश्वर यादव, अरुण मंडल, अशोक मंडल, विष्णुदेव यादव, सुबोध कुमार भगत, केदार मंडल, पद्दू गोस्वामी, सुलचा मंडल, गणेश मंडल आरोपी बनाये गये. इसके अलावा तीन अन्य आरोपी महेंद्र मंडल, दासो मंडल व राजेश चौधरी को भी आरोपी बनाया गया, जिनकी मौत हो चुकी है. इस कांड के सूचक मो अफसर अली की भी मौत हो चुकी है. इस लंबित कांड पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में हाइकोर्ट के निर्देश के बाद 6 अगस्त 2015 को बहस आरंभ हुई थी.

यह थी घटना की वजह
24 अक्तूबर 1989 में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए ईंट एकत्र करने का जुलूस भागलपुर से होकर गुजर रहा था. इस जुलूस को विभिन्न भागों से होते हुए गौशाला क्षेत्र से अयोध्या जाना था. परबत्ती क्षेत्र से जुलूस के गुजरने के दौरान तत्कालीन नेता महादेव प्रसाद सिंह ने सदस्यों को शांति पूर्वक गुजरने की बात कही थी. तत्कालीन एसपी केएस द्विवेदी के एस्कॉर्ट में जुलूस गुजर रहा था. इस दौरान कुछ सदस्य आपत्तिजनक नारेबाजी करने लगे. तत्कालीन डीएम अरुण झा ने सदस्यों व एक अन्य पक्ष से शांति बनाने की अपील की, लेकिन एक पक्ष के लोग एकत्र हो गये. मुसलिम हाइस्कूल के समीप बम से हमला कर दिया गया. घटना में 11 पुलिसवाले जख्मी हो गये और इसके बाद दंगा भड़क गया. वहीं यह भी अफवाह उड़ी थी कि संस्कृत कॉलेज के 31 लड़कों को मार दिया गया है. इस अफवाह से हुए दंगा के बाद करीब दो माह तक भागलपुर में निषेधाज्ञा लगा रहा था.

सरकार करेगी अपील
पटना. राज्य सरकार इस कांड में आरोपित कामेश्वर यादव के बरी होने के मामले में ऊपरी अदालत में अपील करेगी. अपर प्रधान महाधिवक्ता ललित किशाेर ने बताया कि सामान्य तौर पर गंभीर मामलों, जिनमें सरकार को लगता है कि न्यायिक फैसले में कोई तकनीकी खामियां रह गयी हैं, तो ऊपरी अदालत में अपील करती है. जिला अदालत से फैसला आने के बाद सरकारी वकील डीएम को अपनी अपील की अनुशंसा करते हैं. डीएम इसे विधि विभाग को भेजते हैं. विधि विभाग पूरी समीक्षा के बाद अपील का निर्णय करता है. उन्होंने कहा कि फैसला आज ही आया है. प्रक्रिया के तहत ही अपील की कार्रवाई की जायेगी.

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