स्थिर लगन में करें लक्ष्मी पूजन, होगा फलदायी

भागलपुर : दीपावली को लेकर लक्ष्मी पूजन बुधवार को स्थिर लगन में करना शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि काली पूजा के लिए मध्य रात्रि में अमावस्या का संयोग 10 नवंबर मंगलवार को पड़ा, इसलिए काली, तारा व भुवनेश्वरी का प्रदुर्भाव मध्य रात्रि में हुआ. अमावस्या का प्रवेश 10 नवंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2015 7:39 AM
भागलपुर : दीपावली को लेकर लक्ष्मी पूजन बुधवार को स्थिर लगन में करना शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि काली पूजा के लिए मध्य रात्रि में अमावस्या का संयोग 10 नवंबर मंगलवार को पड़ा, इसलिए काली, तारा व भुवनेश्वरी का प्रदुर्भाव मध्य रात्रि में हुआ.
अमावस्या का प्रवेश 10 नवंबर मंगलवार को रात्रि 8:54 बजे के बाद हो गया और अमावस्या 11 नवंबर बुधवार को रात्रि 10:39 बजे तक रहेगा. 10 को ही हनुमान जन्मोत्सव, हनुमत ध्वजा दान किया गया.
प्रदोष काल में दीपावली व लक्ष्मी पूजा आज
11 को दीपावली, सुखरात्रि, लक्ष्मी पूजा, उल्का भ्रमण आदि कार्य प्रदोष काल में किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सबसे श्रेष्ठ और महत्वपूर्ण लक्ष्मी पूजा के लिए गोधूलि समय में वृष लगन संध्या 5:26 से 7:23 तक है.
इसके बाद महानिशा में सिंह लगन रात्रि 11:55 से 2:08 बजे तक है. इसके बाद वृश्चिक और कुंभ लगन भी स्थिर लगन है. इन लगनों में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है. द्वि स्वाभाव लगन मध्यम कोटि के मुहूर्त में आता है. लेकिन सुविधा अनुसार इस लगन में भी लक्ष्मी पूजन किया जाना मंगलकारी है.

Next Article

Exit mobile version