गंदगी, चंपानदी में पानी कम, कैसे देंगे अर्घ्य

गंदगी, चंपानदी में पानी कम, कैसे देंगे अर्घ्य फोटो- विद्यासागर संवाददाता, भागलपुरनाथनगर में चंपानदी व लालूचक जमुनियां नदी के तट पर हर साल हजारों श्रद्धालु छठ पर्व पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचते हैं. अब चंपानदी नाले में तब्दील हो गयी है. नदी का अधिकांश भाग सूखा व गंदगी से भरा है. हालांकि नगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 8:52 PM

गंदगी, चंपानदी में पानी कम, कैसे देंगे अर्घ्य फोटो- विद्यासागर संवाददाता, भागलपुरनाथनगर में चंपानदी व लालूचक जमुनियां नदी के तट पर हर साल हजारों श्रद्धालु छठ पर्व पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचते हैं. अब चंपानदी नाले में तब्दील हो गयी है. नदी का अधिकांश भाग सूखा व गंदगी से भरा है. हालांकि नगर निगम द्वारा शनिवार को घाट को समतल करने के लिए एक जेसीबी और आठ मजदूर लगाया गया था. स्थानीय लोग नदी में पानी नहीं होने को लेकर चिंतित हैं. दूसरी तरफ नरगा लालूचक जमुनियां नदी के घाट पर नगर निगम द्वारा साफ सफाई करायी गयी है. लेकिन यहां जुटनेवाली भीड़ को देखते हुए जगह कम है. यहां पानी से बदबू निकलता है और पानी के अंदर काफी कीचड़ है. इस घाट पर आनेवाले श्रद्धालुओं को पुल के एप्रोच पथ से लगे बांस की चचरी होकर गुजरना पड़ेगा. हालांकि निगम ने बांस की चचरी की मरम्मत के लिए बांस व मजदूर दिया है. नाथनगर में आधा दर्जन अन्य घाट भी जहां साफ सफाई और नदी में पानी की कमी है. यहां के छठ पूजा समिति के लोग प्रशासन से साफ सफाई व रोशनी व्यवस्था कराने की मांग कर रहे हैं. …………………………………………………………………..चंपानदी घाट पर होती है छठ मां की प्रतिमा की पूजा चंपानदी घाट पर हर साल छठ पूजा समिति की ओर से छठ मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. समिति के लोग इसके लिए भव्य पंडाल बनाते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोशनी, पानी आदि की व्यवस्था करते हैं. रात को घाट पर खरना करनेवाली व्रतियों को सभी तरह की सुविधा भी मुहैया कराने के साथ साथ अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं के लिए दूध व बरतन की व्यवस्था करते हैं. नरगा लालूचक मोड़ में भी प्रतिमा पूजननरगा चौक के निकट लालूचक घाट जानेवाले रास्ते के मोड़ पर पूजा समिति द्वारा छठ मैया की प्रतिमा स्थापित की जाती है. पूजा समिति के सदस्य जमुनियां घाट पर आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए सीटीएस से घाट तक रोशनी बत्ती की व्यवस्था करते हैं. व्रतियों की सुविधा के लिए दर्जनों कार्यकर्ता रास्ते से लेकर घाट तक लगातार निगरानी करते हैं. श्रद्धालुओं के बच्चे व सामान की सुरक्षा की पूरी-पूरी व्यवस्था करते हैं……………………………………………आंचल पर नटुआ नाच, घाट तक पहुंची है दंडवत छठ मां की महिमा से जिन महिलाओं की मन्नत पूरी होती है, उनकी कबूलती के अनुसार वे अपने आंचल पर बाजे गाजे के साथ नटुआ का नाच करवाती हुई घाट तक पहुंचती है. इसी तरह कई ऐसी भी व्रती महिलाएं होती हैं, जो मन्नतें पूरी होने पर अपनी कबूलती के अनुसार दंडवत करती हुई घाट तक पहुंच कर भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करती हैं.

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