एसएम कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर नियुक्तफ्लैग – तीन बेड का होगा अस्पताल, इस माह कुलपति करेंगे उद्घाटन- कॉलेज की छात्रा, शिक्षक व कर्मचारी का यहां होगा उपचार- जेनेरिक दवा व एमरजेंसी किट की होगी व्यवस्था फोटो – एसएम कॉलेज भवन का लगा लेंगेआरफीन, भागलपुरएसएम कॉलेज में पढ़ाई करने वाली छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए यह खुशखबरी है. प्राथमिक उपचार के लिए अब उन्हें यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा. उनका उपचार अब एसएम कॉलेज में तैयार हो चुके अस्पताल में किया जायेगा. इस माह कुलपति अस्पताल का उद्घाटन करेंगे. अस्पताल तीन बेड वाला होगा. कॉलेज प्रशासन ने डॉ रेखा झा को संविदा पर नियुक्त कर लिया है. कॉलेज के बड़े हॉल को अस्पताल का रूप दिया जा रहा है. इसमें जेनेरिक दवा व इमरजेंसी किट की व्यवस्था होगी. 26 अगस्त को सिंडिकेट की बैठक हुई थी. बैठक में एसएम कॉलेज में अस्पताल खोलने का निर्णय लिया गया था. सिंडिकेट के सदस्यों ने इस पर अंतिम मुहर लगा दी थी. उपचार का नहीं लगेगा शुल्क छात्राओं को उपचार के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जायेगा. नामांकन के दौरान स्वास्थ्य के नाम पर पांच रुपये लिए जाते हैं. छात्राओं की ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर प्राथमिक स्तर पर अस्पताल में भरती किया जायेगा. विशेष परिस्थिति में बड़े अस्पताल में रेफर किया जायेगा.हॉल को अंतिम रूप दिया जा रहा उद्घाटन की दिन नजदीक होने से हॉल को अस्पताल का अंतिम रूप देने का कवायद जोरों पर है. मरम्मत कार्य व रंग-रोगन का काम अंतिम चरण में है. कॉलेज प्रशासन ने अस्पताल के लिए बेड की खरीदारी कर ली है. डॉक्टर के अलावा तृतीय व चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मचारी की व्यवस्था की जायेगी. कॉलेज की 7000 छात्राएं होंगी लाभांवितएसएम कॉलेज में सात हजार से अधिक छात्राओं का नामांकन है. लगभग 50 शिक्षक व 70 के करीब कर्मचारी कॉलेज में कार्यरत है. अस्पताल के शुरू होने से सात हजार से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल पायेगा. नैक मूल्यांकन में होगा फायदाएसएम कॉलेज में अस्पताल चालू होने से जनवरी में होने वाले नैक मूल्यांकन में इसका लाभ मिल पायेगा. अच्छी ग्रेडिंग के लिए अस्पताल बड़ी भूमिका निभायेगा. नैक मूल्यांकन में कॉलेज को अच्छा रैंक मिलने से कोई नहीं रोक सकता हैं.कॉलेज में अस्पताल का उद्घाटन 27 या 28 नवंबर को किया जायेगा. इसके लिए कुलपति से समय लिया जा रहा है. डॉक्टर की नियुक्त कर ली गयी है. अस्पताल खोलने की तैयारी अंतिम चरण में है. जेनेरिक दवा व इमरजेंसी किट की खरीदारी कर ली गयी है. अस्पताल में कंपाउंडर व ड्रेसर की व्यवस्था बाद में की जायेगी. अस्पताल चालू होने से अब छात्राओं को प्राथमिक उपचार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. डॉ मीना रानी, प्राचार्य, एसएम कॉलेज टीएमबीयू : स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है इमरजेंसी किट फ्लैग – हाल विश्वविद्यालय अस्पताल का – खांसी व सिर दर्द की मिलती है दवा- मलेरिया, दमा व टाइफाइड की नहीं है दवाफोटो मनोज – विवि स्वास्थ्य केंद्र के भवन का फोटो लगा लेंगे (21 नवंबर मनोज के फाेल्डर में है फोटो)संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की केंद्रीय स्वास्थ्य इकाई (स्वास्थ्य केंद्र) में लगी एक्स-रे मशीन सालों से बेकार पड़ी है. विश्वविद्यालय अस्पताल में इमरजेंसी से निबटने के लिए किट तक नहीं है. इमरजेंसी में किसी छात्र का उपचार करना हो, तो ऑक्सीजन सिलिंडर तक यहां नहीं मिलेंगे. अस्पताल में दवा के नाम पर खांसी व सिर दर्द की दवा दी जाती है. यहां मलेरिया, दमा व टाइफाइड की दवा खोजने से भी नहीं मिलेगी. अक्तूबर से लेकर 20 नवंबर तक 300 से अधिक छात्रों का उपचार अस्पताल में किया गया है. ज्यादातर छात्रों को खांसी, जुकाम व सिर दर्द से ग्रसित थे. उपचार कराने आये छात्रों को खांसी व सिर दर्द की दवा दी गयी. बोले छात्र – विवि अस्पताल में उपचार कराने आये छात्रों ने बताया कि यहां मामूली रूप से बीमार छात्र का उपचार किया जाता है. अगर किसी को मलेरिया, दमा व टाइफाइड की बीमारी हो तो, यहां से मायागंज या सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. कभी कभार छात्रों की हालत गंभीर होने पर यहां इमरजेंसी सुविधा नहीं मिल पाती है. अगर किसी छात्र को सांस की बीमारी है, सांस फुल रहा हो, तो ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी बढ़ जाती है. आखिकार दूसरी जगह पर उपचार कराना पड़ जाता है. एमरजेंसी किट में क्या होते हैं ऑक्सीजन सिलिंडर मिश्रित आकार में चिपकने वाला बैंडेजतितली पट्टियां और संकीर्ण चिपकने वाला स्ट्रिप्सकटे स्थान पर चिपकने वाला टेपथर्मामीटरआंखों में डालने की बूंदरासायनिक आइस पैकसाफ तौलियालेटेक्स दस्तानेएंटीबायोटिक मलहम छात्रों को दी जानेवाली दवा -विवि अस्पताल में मेटासिन टेबलेट, पारासिटामॉल टेबलेट, टेटवैक सूई, एनाफॉरटेन सूई, खांसी की दवा आदि उपलब्ध है. फंड के अभाव में दवा की काफी कमी है. खांसी व सिर दर्द की दवा उपलब्ध है. मलेरिया, दमा व टाइफाइड के छात्रों को बेहतर सुविधा अस्पताल में नहीं होने के कारण मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. सबसे महत्वपूर्ण है कि एमरजेंसी किट नहीं होने से परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इस स्थिति में छात्रों को बाहर ही भेजना पड़ता है. डॉ अनंत लाल चौधरी, स्वास्थ्य केंद्र में संविदा पर बहाल डॉक्टर
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एसएम कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर नियुक्त
एसएम कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर नियुक्तफ्लैग – तीन बेड का होगा अस्पताल, इस माह कुलपति करेंगे उद्घाटन- कॉलेज की छात्रा, शिक्षक व कर्मचारी का यहां होगा उपचार- जेनेरिक दवा व एमरजेंसी किट की होगी व्यवस्था फोटो – एसएम कॉलेज भवन का लगा लेंगेआरफीन, भागलपुरएसएम कॉलेज में पढ़ाई करने वाली छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए […]
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