भागलपुर: मार्निग वाक में ही रामदेव यादव की हत्या की साजिश रची गयी थी. 10 दिन पूर्व आरोपितों ने रामदेव को साहेबगंज मोड़ पर घेरा भी था, लेकिन आरोपित अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाये थे. यह खुलासा रामदेव यादव के पुत्र लालू यादव ने किया.
लालू ने बताया कि 10 दिन पूर्व पिता जी सुबह में टहलने गये थे. संयोगवश मैं भी उनके साथ था. इसी बीच साहेबगंज मोड़ पर सिकंदर यादव व उसके परिजनों ने पिता जी को घेर लिया. लेकिन सड़क पर ज्यादा चहलकदमी होने के कारण पिता जी को वे लोग मार नहीं सके. पिता जी ने इस घटना की जानकारी विश्वविद्यालय पुलिस को दी तथा अपने जान-माल रक्षा की गुहार लगायी. हालांकि विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष ने बताया कि उन्हें ऐसी किसी आशंका की सूचना पूर्व में रामदेव द्वारा नहीं दी गयी थी.
कारू यादव की हत्या से जुड़ा है मामला
14 अगस्त 2012 को साहेबगंज चौक पर गोली मार कर कारू यादव की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में साहेबगंज निवासी दिनेश यादव के बयान पर सिकंदर यादव, कैलू यादव, जमुना यादव, राजा यादव, रंजीत यादव, कोलो यादव, छोटन यादव, गड्डू यादव के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था. मामले में राजा को छोड़ सभी आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. राजा के खिलाफ न्यायालय से कुर्की-जब्ती का आदेश हुआ था. अबतक राजा पुलिस की पकड़ से बाहर है. इस केस के आइओ तत्कालीन विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष शमशेर अली थे. सारे आरोपितों के खिलाफ आइओ ने न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित किया था. रामदेव यादव की हत्या का मामला कारू यादव हत्याकांड से जुड़ा है.
रामदेव को लाल सलाम के नारे की गूंज
पोस्टमार्टम के लिए लाश के उठते ही माले नेता व कार्यकर्ताओं रामदेव को लाल सलाम के नारे लगने लगे. मौके पर मौजूद नेताओं ने मंगलवार को भागलपुर बंद की घोषणा की तथा जुलूस निकाल कर घटना का प्रतिवाद किया.
हक-हकूक के लिए लड़ते थे रामदेव
रामदेव यादव हमेशा गरीबों के हक-हकूक के लिए लड़ते थे. क्षेत्र में उनकी पहचान एक जूझारू नेता के रूप में थी. लालकार्ड, राशन कार्ड, बाढ़ राहत सामग्री के वितरण आदि में गड़बड़ी को लेकर हमेशा आवाज उठाते रहते थे.