टीएमबीयू में बुजुर्गो की सुननेवाला कोई नहीं

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पेंशनर पिछले छह-सात वर्ष से परेशान हैं. बकाया राशि लेने के लिए वे दौड़ते रहे हैं, लेकिन समय पर पूरी राशि उन्हें नहीं मिलती है. वर्ष 2006 में छठा वेतनमान लागू होने के बाद पेंशन का पुनरीक्षण हुआ था. कुछ पेंशनरों को छोड़ कर किसी को भी पुनरीक्षित पेंशन मिलना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2013 9:42 AM

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पेंशनर पिछले छह-सात वर्ष से परेशान हैं. बकाया राशि लेने के लिए वे दौड़ते रहे हैं, लेकिन समय पर पूरी राशि उन्हें नहीं मिलती है. वर्ष 2006 में छठा वेतनमान लागू होने के बाद पेंशन का पुनरीक्षण हुआ था. कुछ पेंशनरों को छोड़ कर किसी को भी पुनरीक्षित पेंशन मिलना अब तक शुरू नहीं हो पाया है.

कई शिक्षकेतर व पारिवारिक पेंशनधारियों को यह लाभ नहीं मिल सका है. कई पेंशनर तो ऐसे हैं, जो बिगड़े स्वास्थ्य के कारण घर से निकल नहीं पाते. उनको कहीं आने-जाने पर चिकित्सकों ने स्वास्थ्य अधिक बिगड़ जाने की बात कही है. उनके सामने मजबूरी है कि विश्वविद्यालय उनकी बकाया राशि का भुगतान करता है तो ठीक, नहीं तो वे अब दौड़ने की स्थिति में भी नहीं रह गये है. बावजूद इसके विश्वविद्यालय को इस पर तरस नहीं आ रहा.

अवकाशप्राप्त शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ रामचरित्र सिंह ने बताया कि वर्षो पूर्व सरकार ने विश्वविद्यालय को बकाया राशि 40 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया. वर्ष 2012-13 में 15 प्रतिशत, वर्ष 2013-14 में 40 प्रतिशत व वर्ष 2014-15 में शेष 45 प्रतिशत बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके अभी तक 55 प्रतिशत राशि का भुगतान सभी को प्राप्त नहीं हो सका है. डॉ सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि पेंशनरों को शीघ्र भुगतान किया जाये.

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