विद्यालय गेट पर होगा दाता का नाम

भागलपुर: कोई व्यक्ति सरकारी प्रारंभिक विद्यालय को एक करोड़ या एक करोड़ से अधिक नकद विद्यालय निधि में दान देंगे, तो विद्यालय के मुख्य द्वार पर उस दाता का नाम लिखा जायेगा. दाता अगर इच्छा व्यक्त करे, तो उनकी इच्छा के व्यक्ति का नाम लिखा जा सकेगा. बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2013 9:43 AM

भागलपुर: कोई व्यक्ति सरकारी प्रारंभिक विद्यालय को एक करोड़ या एक करोड़ से अधिक नकद विद्यालय निधि में दान देंगे, तो विद्यालय के मुख्य द्वार पर उस दाता का नाम लिखा जायेगा. दाता अगर इच्छा व्यक्त करे, तो उनकी इच्छा के व्यक्ति का नाम लिखा जा सकेगा. बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली 2013 में यह व्यवस्था की गयी है. प्रत्येक प्रारंभिक विद्यालय में विद्यालय शिक्षा विकास निधि का सृजन किया जायेगा. इस निधि का बैंक में एक खाता होगा. विद्यालय के विकास के लिए प्राप्त सभी राशि इस निधि के खाते में जमा की जायेगी.

खाते का संचालन विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष या सचिव व विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से होगा. समिति को अधिकार होगा कि वह जन भागीदारी से विद्यालय के विकास के लिए नकद राशि व सामग्री प्राप्त कर सके. जन अंशदान के माध्यम से प्राप्त राशि भी विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में जमा की जायेगी, लेकिन इसके खर्च के लिए अलग पंजी संधारित की जायेगी. विद्यालय शिक्षा विकास निधि के अंकेक्षण कराने की व्यवस्था सरकार करेगी.

कोष में दान स्वरूप प्राप्त राशि में से एक लाख रुपये से अधिक का व्यय विद्यालय शिक्षा समिति की अनुशंसा व जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन पर संबंधित समिति के द्वारा किया जा सकेगा. एक लाख रुपये तक का खर्च समिति के द्वारा किया जा सकेगा.

एक लाख रुपये या इससे अधिक रुपये कोई दाता द्वारा स्कूल को दिये जाने की स्थिति में उस राशि का खर्च दाता की अनुशंसा पर विद्यालय हित में किया जायेगा. अगर दाता यह कहेंगे कि उनके द्वारा दी गयी राशि छात्राओं के शौचालय निर्माण में खर्च हो, तो उसी मद में खर्च होगा. अगर दाता अपनी कोई इच्छा व्यक्त नहीं करते हैं, तो दान स्वरूप प्राप्त राशि का खर्च उपस्कर, ब्लैक बोर्ड, चापाकल, शौचालय का निर्माण, मरम्मत आदि पर किया जायेगा.

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