मनुष्य जीवन में ही ईश्वर प्राप्ति संभव
मनुष्य जीवन में ही ईश्वर प्राप्ति संभव संवाददाता,भागलपुरमनुष्य जीवन में ही ईश्वर प्राप्ति संभव है. मनुष्य ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से तरकीब अपनाते हैं. ईश्वर सिर्फ मानने का विषय नहीं है, बल्कि उसका शरीर रूपी मंदिर में दर्शन भी संभव है. यह अमृतवाणी नाथनगर रन्नूचक में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय […]
मनुष्य जीवन में ही ईश्वर प्राप्ति संभव संवाददाता,भागलपुरमनुष्य जीवन में ही ईश्वर प्राप्ति संभव है. मनुष्य ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से तरकीब अपनाते हैं. ईश्वर सिर्फ मानने का विषय नहीं है, बल्कि उसका शरीर रूपी मंदिर में दर्शन भी संभव है. यह अमृतवाणी नाथनगर रन्नूचक में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रामचरितमानस व गीता विवेचना कार्यक्रम के चौथे दिन स्वामी आशुतोष महाराज की शिष्या महामाया भारती ने कही. उन्होंने कहा कि जब जीवन में ब्रह्मनिष्ठ सत् गुरु मिलते हैं, तो दिव्य चक्षु को प्रदान कर घट में ही परमात्मा के ज्योति स्वरूप का दर्शन करवाते हैं. स्वामी विष्णु प्रकाश नंदन जी महाराज ने अपने प्रवचन में गुरु की आवश्कता पर बल दिया. उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि केवल भेड़ चाल चल कर किसी को भी गुरु नहीं बना लें. पूर्ण सत्गुरु की पहचान बताते हुए कहा कि पूर्ण सत्गुरु मात्र मंत्र ज्ञान ही नहीं, अपितु ईश्वर का दिव्य दृष्टि प्रदान दर्शन करवाते हैं. उन्होंने कहा कि बड़े बजुर्ग भी कहते हैं कि पानी पियो छान कर, गुरु करो जान के. पूर्ण गुरु के माध्यम से ही जीव का कल्याण संभव है. कार्यक्रम में समीक्षा, भारती, कैलाशजी, रंजना कुमारी ने मधुर भजन प्रस्तुत कर पूरे पंडाल को भक्तिमय बना दिया. कार्यक्रम का उद्घाटन रन्नूचक के मुखिया कृष्णानंद राय, सरपंच चंद्र किशोर राय, संयोजक मनोज कुमार सिंह, डॉ बलराम चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया. संयोजक ने बताया कि 25 -26 नवंबर की सुबह ज्ञान दीक्षा का आयाेजन किया जायेगा.