भागलपुर: तिमाविवि के दिनकर भवन में भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर व विश्वविद्यालय मैथिली विभाग की ओर से एलडीसीआइएल द्वारा दूसरे दिन मंगलवार को मूल भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यशाला आयोजित किया गया. इसमें विभिन्न राज्यों से आये विद्वानों ने कंप्यूटर पर भाषा के विकास पर विचार व्यक्त किया.सीआइआइएल के प्रतिनिधि आत्रे शर्मा ने भाषा में शब्दों की महत्ता को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि एक शब्द किस तरह अपने अगले शब्द को मजबूती प्रदान करता है.
शर्मा ने कहा कि मूक बधिर के लिए कंप्यूटर पर सीआइएल द्वारा सांकेतिक भाषा का डाटा तैयार किया जा रहा है ताकि बिना देखे सुने यह समझा जा सके कि कंप्यूटर क्या कह रहा है.
कोलहान विश्वविद्यालय से आये डॉ रवींद्र कुमार चौधरी ने वाक्य विज्ञान पर व्याख्यान दिया. सीआइएल से आये नंदराज मित्तई ने भाषा को यांत्रिक बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कंप्यूटर को लैंग्वेज के रूप में काम करने लायक बनाये जाने पर बल दिया. पटना विश्वविद्यालय से आयीं डॉ अरुणा चौधरी ने ध्वनि विज्ञान के बारे में जानकारी दी. इस मौके पर डॉ प्रेम शंकर सिंह, झारखंड से आये डॉ काशीनाथ झा, डॉ ध्रुव ज्योति सिंह, एस अवस्थी, भागलपुर विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग के अध्यक्ष डॉ केष्कर ठाकुर, निक्की प्रियदर्शिनी आदि मौजूद थे.