एनएच 80 मानक के अनुसार चौड़ी नहीं, लगता जाम
एनएच 80 मानक के अनुसार चौड़ी नहीं, लगता जामसंवाददाता, भागलपुरशहर से गुजरनेवाली नेशनल हाइवे मानक के अनुरूप चौड़ी नहीं है. सड़क 10 मीटर चौड़ी होनी चाहिए जबकि चौड़ाई कहीं पांच, तो कही सात मीटर ही है. इसके बाद अतिक्रमण के कारण सड़क की चौड़ाई आधी रह गयी है. सड़क चौड़ी नहीं रहने और वाहनों का […]
एनएच 80 मानक के अनुसार चौड़ी नहीं, लगता जामसंवाददाता, भागलपुरशहर से गुजरनेवाली नेशनल हाइवे मानक के अनुरूप चौड़ी नहीं है. सड़क 10 मीटर चौड़ी होनी चाहिए जबकि चौड़ाई कहीं पांच, तो कही सात मीटर ही है. इसके बाद अतिक्रमण के कारण सड़क की चौड़ाई आधी रह गयी है. सड़क चौड़ी नहीं रहने और वाहनों का दिनों-दिनों बढ़ते दबाव के कारण जाम लगा रहता है. सबसे ज्यादा जाम की स्थिति तातारपुर से होकर गुजरनेवाली एनएच है. यहां की चौड़ाई पांच मीटर से ज्यादा नहीं है. इसमें भी सड़क के दोनों ओर दुकानदारों की ओर से अपनी-अपनी दुकानें बाहर कर लेने से वाहनों का गुजरना आसान नहीं रह गया है. यही स्थिति घंटाघर से कचहरी चौक तक की है. फुटपाथी दुकान के कारण खरीदारों का वाहन सड़क पर लगता है और जाम की स्थिति बनी रहती है. पुलिस लाइन रोड की बात करें, तो सैंडिस कंपाउंड गेट के सामने मॉल खुलने के बाद से सड़क पर छोटी से बड़ी वाहन लगने लगी है और इस वजह से सड़क की चौड़ाई आधी रह गयी है. जाम लगा रहता है.अतिक्रमण के कारण नाला निर्माण की योजना ड्रॉप साल भर पहले लोहिया पुल से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण 10.59 करोड़ की लागत से हुई है. सड़क निर्माण कार्य योजना में घंटाघर से प्रधान डाकघर तक नाला निर्माण शामिल था, जिसे अतिक्रमण के कारण ड्रॉप करना पड़ा है. दरअसल, घंटा घर से लेकर प्रधान डाकघर तक पुराना नाला है, जिस पर फुटपाथी दुकान सजी है. इस कारण पुराना नाला गुम हो गया है. अतिक्रमण हटाने का प्रयास नाकाम सड़क निर्माण का कार्य के दौरान राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर की ओर से लगातार अतिक्रमण हटवाने का प्रयास किया गया. मगर, उन्हें न तो जिला प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन से मदद मिली. लगातार रिमाइंडर पत्र जारी करने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की पहल नहीं की गयी. नतीजा, शहरवासियों को कम से कम चलने लायक बेहतर सड़क भी नहीं मिल सकी और जाम से छुटकारा मिलना तो मुश्किल बना है.