शिक्षा विभाग गंभीर, बिना हाजिरी बनाये स्कूल नहीं छोड़ेंगे शिक्षक
ई-शिक्षाकोष एप पर ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने की बाध्यता शिक्षकों के लिए सिर दर्द बन गया है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार अब तक जिले के 63 फीसदी शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बना पा रहे हैं. ऑनलाइन अटेंडेंस प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व विभागीय स्तर से आदेश जारी किया गया था कि अभी तीन माह तक यह प्रक्रिया ट्रायल में रहेगा, लेकिन बड़े पैमाने पर शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनाये जाने के कारण अब विभाग गंभीर दिख रहा है. जिला स्तर से और राज्य स्तर से ऑनलाइन अटेंडेंस पर सख्ती शुरू कर दी गयी है. डीईओ राजकुमार शर्मा ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि शिक्षक बिना ऑनलाइन अटेंडेंस बनाये स्कूल नहीं छोड़ेंगे.मुख्य सचिव ने व्यक्त की नाराजगी
इधर, भागलपुर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की समीक्षा के क्रम में प्रगति धीमी पाये जाने की स्थिति में अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे गंभीरता से लिया है. जिसके बाद डीईओ ने निर्देश जारी किया है कि कोई भी ऐसा विद्यालय शेष नहीं रहे जहां कम से कम एक शिक्षक या सभी शिक्षक द्वारा ई-शिक्षाकोष पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की गयी हो. साथ ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक तबतक विद्यालय से प्रस्थान नहीं करेंगे, जबतक की उक्त विद्यालय के शिक्षक द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर ली गई हो.अटेंडेंस की निगरानी के लिए 18 नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त
डीईओ ने तकनीकी सहयोग व अनुश्रवण के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर 18 नोडल पदाधिकारियों को प्राधिकृत किया है. सभी को निर्देश दिया गया कि सुबह छह बजे से दस बजे तक के बीच सक्रिय होकर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में आ रही कोई भी तकनीकी समस्या होने पर ई शिक्षाकोष ग्रुप में बतायेंगे और उसका त्वरित निष्पादन करेंगे. जिले में ऑनलाइन अटेंडेंस की मॉनिटरिंग के लिए प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ डाॅ जमाल मुस्तफा को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. प्रोग्रामर रंजीत कुमार और मनोज कुमार शाही तकनीकी सहयोग देंगे. जबकि प्रखंड स्तर पर सभी बीईओ को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है