सोनापट्टी में ग्राहकों को हमेशा बना रहता है भयव्यवसायियों का दर्द 7रोजाना करोड़ों का कारोबार, व्यावसायिक सुविधाओं का अभावपार्किंग व शौचालय की समस्या से जूझते हैं ग्राहक फोटो नंबर : आशुतोष जी संवाददाता,भागलपुरसूजागंज मुख्य बाजार अंतर्गत सोनापट्टी सर्राफा बाजार का जुड़ाव अब भी 200 किलोमीटर तक की दूरी तक फैले छोटे-बड़े बाजार से है. सर्राफा बाजार में गद्दी की जगह शोरूम तैयार हो गये. लोगों का जीवन स्तर उच्च हो चुका है, इसके बावजूद यहां पर सुविधाएं नहीं बढ़ायी गयी. इससे यहां के दुकानदारों एवं ग्राहक हमेशा प्रशासनिक व्यवस्था को कोसते रहते हैं. सबसे बड़ी समस्या यहां शौचालय व सुरक्षा की है. चूंकि यहां पर आभूषण खरीदारी के लिए महिला ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है. सोनापट्टी लगभग 200 वर्ष से अधिक पुराना बाजार है. यहां पर 300 से अधिक दुकानें हैं, सोनापट्टी में अनंत राम लेन और भुदर मल लेन अधिक प्रसिद्ध है. इसे रायबहादुर वंशीधर ढांढनिया द्वारा विकसित किया गया था. जबकि इसके आसपास से जुड़ी गली मारवाड़ी टोला लेन, दही टोला लेन आदि हैं. यहां इन गलियों में सर्राफा को छोड़ कपड़ा, श्रृंगार के अन्य प्रसाधन, खिलौने आदि की दुकानें हैं. यहां पर भी प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं. रोजाना केवल सोनापट्टी के सर्राफा बाजार से एक करोड़ से अधिक का कारोबार, जबकि अन्य से दो करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. यहां के लोग बिजली बिल व होल्डिंग टैक्स के अलावा, सेल टैक्स, वैट व सर्विस टैक्स देते हैं. होल्डिंग टैक्स यहां पर भी दो लाख से अधिक का भरते हैं. बावजूद इसके बाजार में नागरिक व व्यावसायिक सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां आनेवाले बाहरी व्यवसायी सुखद एहसास ले कर नहीं लौटते. खासकर यहां पर पार्किंग, सुरक्षा व पेशाबघर की अधिक जरूरत है. चूंकि सर्राफा बाजार हमेशा महंगे आभूषण छीने जाने का हमेशा भय बना रहता है. यहां के अधिकांश ग्राहकों को स्टेशन के समीप गाड़ी पार्किंग करनी पड़ती है. क्या है महत्वसोनापट्टी मुख्य रूप से सर्राफा बाजार के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर सोना, चांदी, हीरा, मूंगा, विभिन्न प्रकार के मोती, पत्थर व अन्य बेशकीमती आभूषण मिलते हैं. अन्य गलियों में लहठी, चूड़ी, कपड़े, खिलौने, गिफ्ट व अन्य श्रृंगार के सामान मिलते हैं. यहां पर झारखंड के साहेबगंज, दुमका, गोड्डा, बांका, मुंगेर आदि क्षेत्रों के रोजाना हजारों ग्राहक व कारोबारी आते हैं. कितनी हैं दुकानेंसोनापट्टी में केवल 300 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें हैं. इसके अलावा अन्य गलियों में 500 से अधिक दुकानें हैं. दिक्कतें क्यासोनापट्टी में एक चापाकल, जो प्राय: खराब रहता है. शौचालय एक भी नहीं. इसके अलावा साफ-सफाई व नाली का सड़क पर बहना आदि समस्या है. सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है. कहते हैं व्यवसायी सोनापट्टी में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है. गाड़ी लगाने के बाद विवाद की स्थिति बनती है. इस वजह से कई ग्राहक भागलपुर आने डरते हैं कि उन्हें हमेशा खरीदा हुआ आभूषण छीने जाने का डर रहता है. विशाल आनंद ———यहां पर शौचालय का अभाव है. इसके लिए कई बार आवाज उठा चुके हैं. ग्राहक व कारोबारी दोनों के लिए जरूरी है. एक चापाकल है, जो प्राय: खराब रहता है. पेशाबघर भी नहीं है.दीपक सोनी ———-सफाई व्यवस्था ठीक-ठाक नहीं है. नाली का पानी सड़क पर बहता है. नाली की सफाई होनी चाहिए. यहां पर अधिकतर ग्राहक महिलाएं आती है, जिन्हें कई प्रकार की दिक्कत पेयजल, सुरक्षा आदि को लेकर दिक्कत होती है. मुकेश साह, सर्राफा कारोबारी ———
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सोनापट्टी में ग्राहकों को हमेशा बना रहता है भय
सोनापट्टी में ग्राहकों को हमेशा बना रहता है भयव्यवसायियों का दर्द 7रोजाना करोड़ों का कारोबार, व्यावसायिक सुविधाओं का अभावपार्किंग व शौचालय की समस्या से जूझते हैं ग्राहक फोटो नंबर : आशुतोष जी संवाददाता,भागलपुरसूजागंज मुख्य बाजार अंतर्गत सोनापट्टी सर्राफा बाजार का जुड़ाव अब भी 200 किलोमीटर तक की दूरी तक फैले छोटे-बड़े बाजार से है. सर्राफा […]
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